पंच दिवसीय श्रीराम महायज्ञ में तृतीय दिवस 300 यजमानों ने दी आहूतियां

पंच दिवसीय श्रीराम महायज्ञ में तृतीय दिवस 300 यजमानों ने दी आहूतियां
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चितौड़गढ़। अष्टादश कल्याण महाकुंभ के सप्तम दिवस शुक्रवार को श्रीराम यज्ञशाला में पंच दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के तृतीय दिवस 350 से अधिक युगल यजमानों ने शाकल्य एवं गौघृत्य की आहूतियां देते हुए घर देश प्रदेश में चहूं ओर खुशहाली की कामना की। इस मौके पर आचार्य वीरेन्द्रकृष्ण दोर्गादत्ती, वेदपीठ के पदाधिकारी एवं न्यासियों के साथ ही बड़ी संख्या में रेबारी एवं रायका समाज के यजमानों ने अपने आराध्य के प्रति आस्था प्रकट करते हुए यज्ञ किया। इस दौरान वेदपीठ के आचार्यों एवं बटुकों के मंत्रोच्चार के साथ यजमानों ने ब्राह्माण्ड के समस्त देवताओं, ग्रहों, ठाकुर श्री कल्लाजी सहित पंच देवों एवं भगवान श्रीराम के मंत्रों के साथ आहूतियां दी गई। तृतीय दिवस के यज्ञ विश्राम के बाद बड़ी संख्या में मौजूद यजमानों एवं दर्शनार्थियों द्वारा यज्ञ की परिक्रमा की गई। जिसमें से कई श्रद्धालु 108 तक परिक्रमा करते हुए देखे गए। बड़े सवेरे से लेकर संध्या आरती तक श्रद्धालुओं द्वारा यज्ञशाला की परिक्रमा का दौर चलता रहा। 
256 थाल में सजा छप्पनभोग बना आकर्षण का केन्द्र
यूं तो प्रतिवर्ष प्रतिदिन कल्याण महाकुंभ के दौरान ठाकुर जी को छप्पन भोग लगाया जाता रहा है, इसी कड़ी में शुक्रवार को विभिन्न प्रकार के मिष्ठानों एवं चटपटे व्यजनों के साथ कई प्रकार की सामग्री से भरपूर 256 थाल में सजा छप्पनभोग भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। कई भक्त कभी थाल गिनते तो कभी मिष्ठानों का नाम पूछते नजर आए। समूचा वेदपीठ प्रथम बार इतने बड़े छप्पनभोग की झांकी से सुसज्जित रहा।
राम वनवास के भावयुक्त गूढ़ रहस्य से परिवार में एक्यता का भाव अपनाए-स्वामी सुदर्शनाचार्य
स्वामी सुदर्शनाचार्य ने भगवान श्रीराम के वनवास प्रसंग में वाल्मिकी रामायण के भाव पक्ष का गूढ़ रहस्योंद्घाटन करते हुए कहा कि उससे प्रेरणा लेकर हमेशा परिवार में एक्यता का भाव अपनाना  चाहिए ताकि वर्तमान में टूटते परिवारों को जोड़ा जा सके। स्वामी सुदर्शनाचार्य शुक्रवार को वाल्मिकी कथा मंडप में व्यासपीठ से कथा अमृतपान करा रहे थे। स्वामी ने रहस्योद्घाटन के साथ ही राम वनवास के प्रसंग का मार्मिक वर्णन कर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। प्रारंभ में स्वामी जी ने ठाकुरजी के भगवान व्येंकटेश स्वरूप के मन मोहक दर्शन करते हुए कहा कि आज का श्रृंगार तो मन को आल्हादित करने वाला है। इसके साथ ही विशाल छप्पनभोग को देखकर भी स्वामी कहने लगे कि वेदपीठ और इससे जुड़े भक्त धन्य है। वहीं वेदपीठ के न्यासियों द्वारा व्यासपीठ की पूजा अर्चना की। गुरूवार संध्या वेला में व्यासपीठ की महाआरती के दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, जिला अध्यक्ष गौतम दक, भूपेन्द्रसिंह बड़ौली, मिठ्ठूलाल जाट, रतन गाडरी, अशोक नवलखा, नितिन चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं वेदपीठ के न्यासी एवं पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान व्यासपीठ की ओर से आगंतुक अतिथियों का तुलसी माला एवं उपरणा ओढ़ाकर स्वागत किया गया। वहीं अतिथियों ने भी व्यासपीठ का आशीर्वाद लिया।  
 

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