एक बार फिर चीन कोविड जैसे घातक वायरस का चूहों पर 

एक बार फिर चीन कोविड जैसे घातक वायरस का चूहों पर 
X

 

 

X Virus: आज से 3 साल पहले साल 2020 में कोरोना जैसी खतरनाक महामारी ने दस्तक दी थी। इस महामारी में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। कोरोना की बीमारी के लिए पूरी दुनिया ने चीन को जिम्मेदार ठहराया था, क्योंकि ये वायरन चीन के वुहान लैब से निकला था।विशेषज्ञों का मानना है कि यह रहस्यमयी बीमारी एक्स (X) कोरोनावायरस महामारी की तुलना में 20 गुना से ज्यादा मौतों का कारण बन सकती हैं।

एक्स से बचने की WHO ने की तैयारियां शुरु

 

रहस्यमय रोग एक्स का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह अभी से माइक्रोबियल खतरा मानी जा रही है। WHO ने 2017 में इस रोग को अपनी रिसर्च में सबसे ऊपर शामिल किया था। इसके एक्टिव पैथागन्स जैसे SARS(Severe Acute Respiratory Syndrome) और एबोला (Ebola) जैसे पार्टिकल्स भी बहुत ही खतरनाक है।

WHO की मानें तो यह उनकी ओर से एक शुरुआत है, ताकि इस खतरनाक बीमारी के लिए एक तैयारी रखी जाए। पश्चिम अफ्रीका में 2014-2016 इबोला महामारी द्वारा छिड़ा मानवीय संकट एक वेक अप कॉल था। रिसर्च के बाद 11,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाने के लिए कोई उत्पाद भी तैयार नहीं थे। जवाब में WHO ने प्राथमिकता वाली बीमारियों के लिए उपकरणों की एक श्रृंखला के विकास में तेजी लाने के लिए एक आर और डी की ओर से ब्लूप्रिंट भी बनाया है।

 

जानवरों से इंसानों में फैलता है एक्स वायरस

 

कोविड 19 वायरस एक्स (X) का उदाहरण था, जब इसने 2019 के अंत में महामारी को छुआ था। वहीं बात एक्स वायरस की करेंत, तो यह एक नया वायरस है जो जीवाणु, बैक्टीरिया, फंगस के कारण होता है। यह RNA Virus की तरह जूनोटिक डिजीज (Zoonotic Disease) से संबंधित हो सकता है। यानी यह जंगली या घरेलू जानवरों में होगा और फिर उनसे इंसानों में फैलने की उम्मीद बताई जा रही है। इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 भी जूनोटिक बीमारियां थी, जो जानवरों से इंसानों में आई थी। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन पर काफी निगरानी की जरुरत है।

जानलेवा है डिजीज एक्स (X)

एक किताब में यूके वैक्सीन टास्कफोर्स के पूर्व अध्यक्ष केट बिंघम ने अज्ञात वायरस के लिए एक विशाल पूल से उभरने के लिए अगली महामारी डिजीज एक्स को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी।

संभावित रुप से स्पेनिश फ्लू के रुप में कई जीवन का दावा किया, जिसने अनुमानित 50 मिलियन लोगों की जान ली थी।

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