चार लाख सड़क हादसों में डेढ़ लाख लोगों की मौत, जुर्माना बढ़ने का नहीं दिख रहा असर
देश में नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद यह उम्मीद बंधी थी कि अब सड़क हादसों में कमी आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मौजूदा समय में सड़क हादसे बयढ़ रहे हैं। चार साल पहले लागू हुए नए मोटर वाहन अधिनियम में चालान राशि में कई गुना बढ़ोतरी हुई थी। देश में प्रतिवर्ष चार लाख से ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं। इन हादसें में रोजाना औसतन 421 लोगों की मौत हो जाती है। अमेरिका में एक साल के दौरान 19 लाख हादसे हुए, लेकिन मौत का आंकड़ा 36560 रहा। सड़क हादसों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, जर्मनी और जापान सहित 19 देश शामिल हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, भारत में 2021 के दौरान हुए 412432 सड़क हादसों में 153972 लोग मारे गए, जबकि 384448 लोग घायल हुए थे। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, कद्दावर नेता राजेश पायलट, केंद्रीय मंत्री रहे गोपीनाथ मुंडे और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा से लेकर टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री तक अनेक लोग सड़क हादसों का शिकार हुए हैं। देश में सितंबर 2019 से लागू हुए नए मोटर वाहन अधिनियम में चालान राशि में कई गुना इजाफा किया गया। इसके बाद उम्मीद बंधी थी कि अब वाहन चालक संभल कर चलेंगे और सड़क हादसों में कमी आ जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
सड़क सुरक्षा पर काम कर रहे 'सेव लाइफ फाउंडेशन' के अध्यक्ष पीयूष तिवारी कहते हैं, सड़क हादसे होने की कई वजह होती हैं। इसमें यह पॉइंट भी बहुत अहम है कि देश में यातायात के नियमों को लेकर लोगों का व्यवहार क्या है। रिसर्च बताती है कि सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार कारणों में 25 फीसदी हिस्सा, चालकों के यातायात व्यवहार से जुड़ा होता है। इसके बाद सड़क इंजीनियरिंग का नंबर आता है।
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वाहन सेफ्टी भी एक अहम पॉइंट है
पीयूष तिवारी के मुताबिक, हादसों के लिए सड़क इंजीनियरिंग भी जिम्मेदार होती है। इसमें रोड की बनावट कैसी है, टर्न किस तरह बने हैं, सरफेस कैसा है, आदि बातें देखी जाती हैं। वाहन का सेफ्टी का स्टैंडर्ड क्या है, ये भी समझना जरूरी है। जुर्माना राशि बढ़ने से भी हादसे नहीं थम रहे हैं, इस सवाल के जवाब में तिवारी ने बताया, अभी राज्यों में चालान का प्रतिशत 35 है। इसकी भी रिकवरी नहीं हो पा रही। रिकवरी का प्रतिशत बेहद कम है। ऐसे यातायात उल्लंघन, जिनमें उसी वक्त चालान जारी कर सकते हैं, उसका प्रावधान भी बहुत कम है। इस सिस्टम का वाहन और सारथी के साथ जुड़ाव नहीं हुआ है। ये तय है कि चालान राशि की रिकवरी जैसे बढ़ेगी तो चालकों के व्यवहार में बदलाव आएगा। रोड इंजीनियरिंग की कमियां दूर करने के लिए जिला/राज्य स्तर पर एक स्टेंडिंग कमेटी गठित की जाए। वह लगातार इस काम पर नजर रखे। हर माह समीक्षा ह।
भारत में स्पीड बढ़ी तो हादसों की भयावहता भी बढ़ी
तिवारी के मुताबिक, हमारे देश में वाहनों की रफ्तार बढ़ रही है। इसके साथ ही हादसों की भयावहता भी बढ़ रही है। देश में इमरजेंसी केयर जैसी सुविधाओं में सुधार की बहुत ज्यादा जरुरत है। पहले सड़क हादसों में चोट गंभीर नहीं होती थी, लेकिन अस्पताल तक पहुंचने में देरी की वजह से मौत हो जाती थी। अब चोट ज्यादा गंभीर हो गई है। ऐसे में जान बचाना एक बड़ी चुनौती है। अस्पतालों में जान बचाने की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। सरकार को ट्रॉमा केयर पर फोकस करना होगा। सड़क हादसे तो हर देश में होते हैं, लेकिन मौतें उतनी नहीं होती। अमेरिका में भारत से कई गुना ज्यादा हादसे होते हैं, लेकिन मौत एक चौथाई भी नहीं होती।
यह है भारत सहित कई देशों में हादसों की स्थिति
- भारत में 2020 के दौरान 432957 सड़क हादसे हुए थे। इनमें 151417 लोग मारे गए थे।
- चीन में 244937 हादसों में 63194 लोग मारे गए।
- रूसी फेडरेशन में 168099 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 18214 लोग मारे गए।
- दक्षिण अफ्रीका में 146773 सड़क हादसे हुए। इनमें 14500 लोगों की मौत हो गई।
- इरान में हुए 337891 सड़क हादसों में 16540 लोग मारे गए।
- तुर्की में 186532 सड़क हादसों में 6675 लोगों की मौत हुई।
- अमेरिका में 1927654 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 36560 लोगों की मौत हुई।
- जर्मनी में 308721 सड़क हादसे हुए। इनमें 3275 लोग मारे गए।
- जापान में 430601 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 4166 लोगों की जान चली गई।
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इन कारणों के चलते बढ़ी सड़क हादसों की रफ्तार
- साल 2021 के दौरान हुए सड़क हादसों में 133025 (86.4 फीसदी) पुरुष और 20947 (13.6 फीसदी) महिलाओं की जान गई है।
- दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट वाले 46593 (30.6 फीसदी) चालक सड़क हादसों का शिकार हुए हैं।
- ऐसे 16397 कार सवार, जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी, सड़क हादसों में मारे गए।
- ओवरलोड वाहनों की वजह से जो हादसे हुए, उनमें 11011 लोग मारे गए।
- हिट एंड रन के 57415 केस हुए थे, जिनमें 25938 लोगों की मौत हो गई और 45355 लोग घायल हुए।
- कुल सड़क हादसों में से 13.7 फीसदी घटनाएं ऐसी थीं, जिनमें वाहन चालक के पास वैद्य लाइसेंस नहीं था। कुछ चालक ऐसे भी थे, जिनके पास लर्नर लाइसेंस था।
- 2021 में सड़क पर बने गड्ढों के चलते 1481 हादसे हुए हैं।
- ऐसे वाहन जो दस साल पुराने हैं, उनका भी सड़क हादसों में 25.8 फीसदी हिस्सा रहा है।
- शहरी क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में 47235 लोग मारे गए, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 106737 लोगों की जान गई है।
नए एक्ट में किया गया था भारी जुर्माने का प्रावधान
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में अगर शराब पीकर ड्राइविंग करने का मामला साबित होता है, तो चालक पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगता है। एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पीसीआर का रास्ता रोकने पर भी 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बिना हेलमेट पकड़े जाने पर तीन माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड होता है। ओवर स्पीड और बिना बीमा पॉलिसी के गाड़ी चलाने पर भी दो हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। नाबालिग, गाड़ी चलाता हुआ पकड़ा गया, तो वाहन मालिक और अभिभावक, दोनों को कसूरवार ठहराया जाएगा। इसमें तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द होने का भी प्रावधान है। ट्रैफिक सिग्नल के उल्लंघन पर 500 रुपये जुर्माना होगा। दोबारा यह उल्लंघन होने पर जुर्माना राशि दो हजार रुपये तक पहुंच सकती है। हिट एंड रन केस में पीड़ित परिवारों को दो लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी। बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना, यह जुर्माना भी 100 रुपये से बढ़ा कर 1000 रुपये कर दिया गया है। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करना, इस उल्लंघन पर 5000 रुपये जुर्माना देना पड़ेगा।