ट्रेनों में फर्जी टिकट रैकेट मामले में एक को पकड़ा
पश्चिम रेलवे की सतर्कता टीम ने टिकट दलालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के साथ ही मौजूदा ग्रीष्मावकाश के दौरान टिकट दलालों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर के अनुसार छुट्टियों के मौसम में आरक्षित टिकटों की मांग बहुत अधिक होती है और दलाल यात्रियों को धोखा देकर इस अवसर का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। पश्चिम रेलवे के सतर्कता विभाग को दलाली की एक घटना के बारे में पता चला और अपराधियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। मनोज यादव, संजय शर्मा, संदीप गोलाटकर, सुश्री नेहा माथुर और रवि साठे की एक सतर्कता टीम ने हाल ही में मुंबई उपनगर के साकीनाका इलाके में जांच की और अलीम नाम के एक व्यक्ति को लगभग १.४ लाख रुपये की लंबी दूरी की ट्रेनों के कन्फर्म टिकटों के साथ पकड़ा जिन्हें वह प्रीमियम दरों पर बेच रहा था। उसे पकड़कर आईपीएफ-अंधेरी को सौंप दिया गया और रेलवे अधिनियम की धारा १४३ के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आगे की छानबीन पर पता चला कि ये टिकट रेलवे स्टेशनरी की प्रतिकृति पर छपे डुप्लीकेट टिकट थे। कार्यप्रणाली यह थी कि तत्काल टिकट देश के दूर-दराज के स्थानों से निकाले किए गए थे और उनके कंटेंट को मुंबई के एजेंटों को दिखाया गया था क्योंकि इन मूल टिकटों को एक दिन में यहां पहुंचाना संभव नहीं था। एजेंट इन टिकटों को अपने कार्यालय के प्रिंटर से प्रिंट करवाते थे और यात्रियों को अत्यधिक ऊंची दरों पर दिया करते थे। सामान्य तौर पर इन टिकटों के असली या नकली होने में फर्क करना लगभग असंभव है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड अफजल फरार है और मामले की आगे की जांच के लिए सतर्कता और आरपीएफ कर्मियों की एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
ठाकुर ने बताया कि टिकट दलाली के साथ-साथ इस तरह की अनधिकृत और अनियमित गतिविधियों को रोकने के लिए पश्चिम रेलवे की सतर्कता टीम हमेशा इस प्रकार की जांच करने में सबसे आगे रहती है।