चिकन से महंगा प्याज, कहीं तीन से ज्यादा टमाटर खरीदने पर पाबंदी
दुनिया के कई देशों में पहले से ही आर्थिक उथल-पुथल का दौर जारी है। इसी बीच दुनिया एक नए खाद्य संकट की ओर बढ़ती दिख रही है। कई देशों में देशों में प्याज की कमी हो गई है। फिलिपींस में तो प्याज की कीमतें चिकन से से भी ज्यादा हो गई हैं। फिलिपींस ही नहीं दुनिया के कई देशों में प्याज का ये संकट फैल चुका है। कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान जैसे देशों ने घरेलू बाजार में प्याज की कमी की आशंका के चलते प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, दूसरी ओर यूरोप भी ऐसे संकट से गुजर रहा है। ब्रिटेन के कई सुपर स्टोर ने तो तीन से ज्यादा टमाटर खरीदने पर पाबंदी लगा दी है।
यह ताजा संकट क्या है? इस संकट की वजह क्या है? क्या इस कमी से वैश्विक खाद्य संकट पैदा हो सकता है? संकट कहां से शुरू हुआ? भारत में क्या स्थिति है? आइये जानते हैं…
ज की कमी - फोटो : SOCIAL MEDIA
ताजा संकट क्या है?
कई देशों में प्याज की भारी कमी से वैश्विक खाद्य संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि इसकी कमी की वजह से अब अन्य सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं और इससे मुद्रास्फीति बढ़ रही है। इसका प्रभाव यह हुआ है कि मोरक्को, तुर्की और कजाकिस्तान जैसे देशों को कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी है।
फिलिपींस में कीमतें बढ़ने के कारण लोग अब इसका इस्तेमाल करना बंद कर रहे हैं। उधर मोरक्को की राजधानी रबात में, लोग अब महंगाई के कारण प्याज और टमाटर नहीं खरीद रहे हैं। ब्रिटेन में स्थिति खराब है, यहां के कई सुपरमार्केट चेनों को कुछ फलों और सब्जियों की खरीद में लिमिट लगाने के लिए मजबूर कर दिया है। इसकी वजह दक्षिणी स्पेन और उत्तरी अफ्रीका में खराब मौसम के कारण फसल की कमजोर उपज है।
संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक के अनुसार, प्याज की कीमतों में कमी और बाद में कीमतों में वृद्धि अन्य फलों और सब्जियों जैसे कि गाजर, टमाटर, आलू, सेब और दुनियाभर में उनकी उपलब्धता को प्रभावित कर रही है। प्याज दुनिया में सबसे अधिक खपत वाली सब्जियों में से एक है। सालाना लगभग 106 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन होता है, जो गाजर, शलजम, मिर्च और लहसुन के कुल उत्पादन के बराबर है।
रूस और यूक्रेन युद्ध
संकट का कारण क्या है?
कीमतों में उछाल के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें प्रतिकूल जलवायु से लेकर कई देशों में जारी संघर्ष तक शामिल हैं। पिछले साल पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़, मध्य एशिया में जमा ढेरों में खराबी और यूक्रेन-रूस युद्ध कुछ प्रमुख कारण हैं। उत्तरी अफ्रीका में भी, गंभीर सूखे, बीज और खाद की अधिक लागत के कारण प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ है। मोरक्को में प्याज उत्पादन खराब मौसम से प्रभावित हुआ है। पाले की वजह से उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान में प्याज के बड़े भंडार खराब हो गए हैं।
यूरोपीय संघ के देशों में खराब फसल और सूखे की वजह से वैश्विक बाजार में प्याज और अन्य सब्जियों की मांग बढ़ी है। पिछले साल, यूरोप के कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा और नीदरलैंड, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्याज निर्यातक है, प्रभावित हुआ। इससे देश में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और जनवरी के अंत से फरवरी की शुरुआत तक थोक मूल्य 58 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।
क्या यह वैश्विक खाद्य संकट पैदा होने के संकेत हैं?
फिलीपींस में प्याज की कमी का पिछले कुछ महीनों में अन्य प्रमुख घरेलू सामग्री जैसे नमक और चीनी की कीमतों पर भारी प्रभाव पड़ा है। कीमतें इतनी अधिक बढ़ गई हैं कि प्याज की कीमत चिकन से अधिक हो गई है।
कजाकिस्तान में, प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। अब हालात यहां तक आ गए हैं कि इसके व्यापार मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वो प्याज की बोरियां न खरीदें क्योंकि सुपरमार्केट में खरीददारी के लिए भीड़ उमड़ रही है।
कजाकिस्तान ने किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ-साथ घरेलू बाजार में प्याज की कमी की आशंका के चलते प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कमी की आशंका के बीच तुर्किये ने भी कुछ निर्यात रोक दिए हैं। पहले से ही विनाशकारी भूकंप से जूझ रहे देश में कीमतें भी आसमान छू रही हैं। उधर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अजरबैजान भी बिक्री पर लिमिट लगा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज की कीमतों में तेज वृद्धि एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसके कारण पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों और फलों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। अंततः इन सबसे एक गंभीर खाद्य संकट पैदा हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया में तीन अरब से अधिक लोगों को स्वस्थ आहार नहीं मिल पाता है।
प्याज का संकट कहां से शुरू हुआ?
प्याज की कमी का आलम सबसे पहले फिलीपींस में देखा गया था। यहां लाल प्याज की कीमत अप्रैल में लगभग पेसो 70 पेसो (105.18 रुपये) प्रति किलो थी जो दिसंबर में बढ़कर 700 पेसो (3512 रुपये) हो गई। वहीं, जनवरी के मध्य तक कीमतों में थोड़ी गिरावट आई। देश के कृषि विभाग के मुताबिक प्याज की कीमत 550 पेसो (2,476 रुपये) प्रति किलो है। यहां के बाजारों में चिकन की तुलना में लगभग तीन गुना और बीफ की तुलना में 25 फीसदी अधिक महंगा है। कृषि विभाग के अनुसार, इस महीने के शुरुआत में लाल प्याज की कीमत 230 से 330 पेसो प्रति किलोग्राम थी। वहीं चिकन की बात करें तो यह 160 से 210 पेसो प्रति किलोग्राम के भाव से बिका। इसके अलावा मिल्कफिश बंगस की कीमत प्रति किलोग्राम 150 से 220 पेसो थी जबकि टिलापिया मछली का भाव 110 से 160 पेसो प्रति किलोग्राम था।
फिलीपींस में प्याज की कमी क्यों हुई थी?
फिलीपींस एक महीने में लगभग 17,000 मीट्रिक टन प्याज की खपत करता है। 2022 में भयंकर आंधी ने अरबों पेसो मूल्य की फसलों को नष्ट कर दिया जिसके बाद कमी और कीमतों में वृद्धि हुई। स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सिंडिकेट प्याज की जमाखोरी कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही हो। अब सरकार ने ऐसे लोगों की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं।
प्याज की कमी से तस्करी बढ़ी है। दिसंबर 2022 में अधिकारियों ने आयातित पेस्ट्री और ब्रेड के बीच 50 हजार किलोग्राम प्याज छिपी हुई पाई। एक रिपोर्ट के अनुसार, 22 और 23 जनवरी को सीमा शुल्क अधिकारियों ने जाम्बोआंगा बंदरगाह पर लगभग 9.5 मिलियन पेसो मूल्य के लाल प्याज जब्त की।