पीएम ई-बस योजना से खटारा बसों से मुक्ति का मौका, राज्यों को दिया गया यह प्रस्ताव
नई दिल्ली। राज्य अगर चाहें तो वे केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना का लाभ उठाकर अपनी खटारा और प्रदूषणकारी बसों से मुक्ति पा सकते हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने इस योजना के संदर्भ में राज्यों से जो दिशा-निर्देश साझा किए हैं, उसमें इस आशय का प्रस्ताव किया गया है।
यह योजना 169 शहरों में सार्वजिनक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए घोषित की गई है और इसके तहत राज्यों से बसों के आवंटन के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। पहले चरण में इस योजना के तहत केंद्र सरकार राज्यों को दस हजार इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराएगी।
दिशानिर्देश के अनुसार, जो राज्य अथवा शहरी निकाय पंजीकृत वाहन स्क्पिंग सुविधा केंद्रों से बसों के स्क्रैप किए जाने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगे, उन्हें उतनी ही संख्या में बसें इस योजना के तहत आवंटित की जा सकती हैं। यह कदम इस लिहाज से अहम है, क्योंकि ज्यादातर राज्य अपनी खटारा बसों को बेड़े से हटाने में आनाकानी कर रहे हैं। इसके लिए उनके पास नई बसों की खरीद के लिए पर्याप्त फंड नहीं होने की दलील भी दी जा रही है।
केंद्र सरकार ने अपनी वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत इस साल एक अप्रैल से 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहन अनिवार्य रूप से स्क्रैप किए जाने के लिए कहा है, जिनमें परिवहन निगमों और शहरों में संचालित की जाने वाली निकायों की बसें भी शामिल हैं।
राज्यों को नई और साफ-स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली बसें उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने जो पीएम ई-बस योजना घोषित की है। उसके तहत पूरी तरह केंद्रीय फंडिंग वाली बसें शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए दी जाएंगी।