समग्र शिक्षा अभियान और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजन

समग्र शिक्षा अभियान और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजन
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राजसमन्द ( राव दिलीप सिंह) समग्र शिक्षा विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से सूचना केंद्र में आयोजित 'पुस्तक मेले एवं शिक्षक सेमीनार' का शुभारंभ जिला प्रमुख रतनी देवी चौधरी ने किया। इस मौके पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रवींद्र तोमर, अतिरिक्त जिला शिक्षा आधिकारी शिव कुमार व्यास, एडीपीसी समग्र शिक्षा घनश्याम गौड़ आदि मौजूद रहे।

जिला प्रमुख ने कहा कि जीवन में पुस्तकों का अहम योगदान है, यह व्यक्ति के समग्र विकास के लिए जरूरी है, अच्छी पुस्तकें हर व्यक्ति को पढ़नी चाहिए। इस दौरान उन्होंने पुस्तक मेले का अवलोकन करते हुए अलग-अलग प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें देखी।

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला प्रभारी विष्णु जोशी ने बताया कि पुस्तक मेले में विभिन्न गतिविधियां जैसे कहानी सुनना और सुनाना, रचनात्मक लेखन, विज्ञान के चमत्कार, चित्रकारी, बाल साहित्य परिचर्चा, मजेदार पहेलियाँ आदि का आयोजन हो रह है। महापुरुषों के उपदेशों पर आधारित तस्वीरें लगाई गई हैं।

पुस्तक मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादेमी, राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, रेखता पब्लिकेशन, प्रकाशन संस्थान, राजकमल एंड संस, मंजुल, लोक भारती, भारतीय ज्ञानपीठ सहित अन्य प्रमुख प्रकाशकों की पुस्तकें प्रदर्शित की गई है। आमजन इनका अवलोकन कर सकते हैं और खरीद सकते हैं।

साकेत साहित्य संस्थान के सहयोग से एक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ। इस दौरान परितोष पालीवाल, नारायण सिंह, दिनेश श्रीमाली, कुसुम अग्रवाल, कमल अग्रवाल, डॉ रचना तैलंग, पूरन शर्मा सहित अन्य साहित्यकार पहुंचे और साहित्य के प्रति आमजन में रुचि विकसित करने पर विचार व्यक्त किए। मेवाड़ के प्रचुर साहित्य को जन मानस तक पहुंचाने पर भी विचार-विमर्श हुआ।

साहित्यकार कुसुम अग्रवाल ने बाल साहित्य की आज के दौर में आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बच्चे कम उम्र से मोबाइल की ओर अधिक झुक रहे हैं ऐसे में उन्हें पुनः साहित्य से जोड़ना जरूरी है। दिनेश श्रीमाली ने कहा कि साहित्यकार का कर्तव्य है कि वह सत्य को साहस से उजागर है। डॉ रचना तैलंग ने पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की समृद्ध साहित्यिक परंपरा को आगे ले जाने पर विचार रखे।

जोशी ने बताया कि पुस्तक मेला 2 फरवरी तक चलेगा। 1 एवं 2 फरवरी को शिक्षक सेमीनार आयोजित होगा जिसमें सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने नवाचारों को प्रस्तुत करेंगे, साथ ही बेस्ट प्रेक्टिसेज को आपस में साझा करेंगे।

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