चांद के करीब हमारा चंद्रयान-3; लैंडिंग से पहले रूस का लूना-25 दुर्घटनाग्रस्त

चांद के करीब हमारा चंद्रयान-3; लैंडिंग से पहले रूस का लूना-25 दुर्घटनाग्रस्त
X

चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चांद के चक्कर लगा रहा है। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर सफलतापूर्वक हो चुका है और अब 23 अगस्त का इंतजार है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है। 

 

रूस का लूना-25 मिशन फेल

रूस का चंद्र मिशन लूना-25 असफल हो गया है। खबर आ रही है कि रूस का स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश हो गया है। तकनीकी खराबी के चलते पहले ही रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने लूना-25 के असफल होने की आशंका जाहिर की थी। 

03:01 PM, 20-AUG-2023

23 अगस्त को शाम छह बजे लैंड करेगा चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह पर 23 अगस्त 2023 को शाम 6.04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसरो ने यह जानकारी दी है। बता दें कि पहले बताया गया था कि लैंडर चांद पर शाम 5.45 बजे लैंड करेगा लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। 

 

भारत से पहले तीन देशों ने की थी चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग

अमेरिका, रूस और चीन ने चांद की सतह पर सॉप्ट लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की है लेकिन अभी तक चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में किसी  देश के स्पेसक्राफ्ट ने लैंडिंग नहीं की है। भारत अगर इसमें सफल हो जाता है तो वह यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा। अमेरिका के सर्वेयर-1 ने 1966 में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चीन के चांग-3 ने अपने पहले ही प्रयास में चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। वहीं सोवियर संघ के लूना-9 ने भी सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग की थी। 

Next Story