औवेसी बोले- गोली से ही इंसाफ होगा, तो अदालतों को बंद कर दो; अखिलेश-मायावती ने कही यह बात

औवेसी बोले- गोली से ही इंसाफ होगा, तो अदालतों को बंद कर दो; अखिलेश-मायावती ने कही यह बात
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उमेश पाल की हत्या के 48वें दिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को ढेर कर दिया। इस दौरान असद और गुलाम दिल्ली पश्चिम बंगाल, बिहार और राजस्थान आदि जगहों पर छिपे रहे। मामले को लेकर सपा-एआईएमआईएम समेत कई विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार को घेरा है। इन दलों ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। 


 

अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एंकाउटर पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निजामाबाद में कहा कि क्या जुनैद और नसीर को जिसने मारा भाजपा उसका भी एनकाउंटर करवाएगी। नहीं करवाएगी। इसलिए नहीं, क्योंकि वे मजहब के नाम पर एनकाउंटर करते हैं। उन्होंने कार्रवाई को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये एनकाउंटर नहीं कानून की धज्जियां उड़ रही हैं। अगर तुम फैसला करोगे कि गोली से इंसाफ करेंगे तो फिर अदालतों को बंद कर दो। 


 
दरअसल, इसी साल फरवरी में हरियाणा के भिवानी इलाके में दो नर कंगाल मिले थे। ये नर कंकाल राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले दो युवकों जुनैद और नासिर के बताए गए थे। दोनों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बोलेरो में दोनों के जले हुए शव बरामद हुए थे। पुलिस ने बोलेरो के चेसिस नंबरों और घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ते हुए मृतकों की पहचान की थी। 
 

सपा मुखिया बोले- सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही भाजपा
मामले में सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि झूठे एनकाउंटर करके भाजपा सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो और दोषियों को छोड़ा न जाए। सही-गलत के फैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के खिलाफ है।

 
विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई: मायावती
वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चाएं गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे कांड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। घटना के पूरे तथ्य और सच्चाई जनता के सामने आ सके, इसके लिए उच्च-स्तरीय जांच जरूरी।

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