PM मोदी बोले- निराशा में डूबे लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे देश की प्रगति, ये कह कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब में कहा कि राष्ट्रपति के चलते आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति हो रही है। देश देख रहा है कि किसकी क्या मंशा है। कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इकोसिस्टम, समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कह रहे थे ये हुई न बात। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है ‘ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं। वो अब आ रहे हैं।’
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि भारत में नई संभावनाएं हैं। कइयों को यह बात समझने में देर लग जाएगी लेकिन भारत सप्लाई चेन के मामले में आगे बढ़ गया है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे। 140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ और परिश्रम उपलब्धि उन्हें नजर नहीं आ रही। पिछले नौ वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप आए हैं। आज स्टार्टअप के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। बहुत बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम देश की टियर-3 शहरों तक पहुंच चुका है। इतने कम समय में और कोरोना के विकट कालखंड में 108 यूनिकॉर्न बने। एक यूनिकॉर्न यानी छह-सात हजार करोड़ से ज्यादा का मूल्य। आज भारत दुनिया में मोबाइल बनाने में दूसरा बड़ा देश बन गया है। घरेलू विमान यात्रियों के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं।
भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं एक और उदाहरण देता हूं। इस कोरोनाकाल में भारत निर्मित वैक्सीन तैयार हुई। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। अपने करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन के टीके लगाए गए। 150 से ज्यादा देशों को इस संकट के समय में हमने जहां जरूरत थी, वहां दवाई और वैक्सीन पहुंचाई। आज विश्व के कई देश भारत के विषय में यह बात गौरव से विश्व मंच पर कहते हैं, भारत का गौरवगान करते हैं। तीसरा पहलू यह है कि आज भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत है। इसने ताकत दिखाई है। पूरा विश्व इसका अध्ययन कर रहा है। बाली में जी-20 में डिजिटल इंडिया की वाहवाही हो रही थी। कोरोनाकाल में दुनिया के बड़े-बड़े देश अपने नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते थे। यह देश है जो एक सेकंड एक हिस्से में हजारों करोड़ रुपये ट्रांसफर कर देता है। एक समय था, जब देश छोटी तकनीक के लिए भी तरसता था। आज देश आगे बढ़ रहा है।
भारत के प्रति बहुत आशा है
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया की हर विश्वसनीयता संस्था, सारे विशेषज्ञ जो वैश्विक प्रवाहों का गहराई से अध्ययन करते हैं, जो भविष्य का अच्छे से अनुमान भी लगा सकते हैं, उन सभी को आज भारत के प्रति बहुत आशा है, विश्वास है और बहुत मात्रा में उमंग भी है। आखिर यह सब क्यों है, ऐसे ही तो नहीं है। आज पूरी दुनिया भारत को इस प्रकार की नजरों से क्यों देख रही है, इसका जवाब है भारत में आई स्थिरता, वैश्विक साख में और भारत में बनती नई संभावनाओं में।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता है, चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा। उनका सामर्थ्य चुनौतियों से भी ज्यादा मजबूत, बड़ा है। अनेक देशों में अस्थिरता का माहौल है। भीषण महंगाई है। खानेपीने का संकट है। हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं, ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है, एक आशा है, भरोसा है। यह भी खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है। 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है। लेकिन पहले मुझे नहीं लगता था, लेकिन अभी लग रहा है कि इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं, जिन्हें इसका भी दुख हो रहा है।
महामारी से उबरा आत्मविश्वास रहा
पीएम मोदी ने कहा कि किसी ने उनके अभिभषाण की बातों का विरोध नहीं किया, इस बात की खुशी है। सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोकझोंक होती रहती है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने है। जो राष्ट्रपति जी के पूरे भाषण में है, वो पूरे 140 करोड़ देशवासियों के लिए हैं। सौ साल में एक बार आई भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति और बंटा हुआ विश्व, इस स्थिति में भी और इस संकट के माहौल में भी देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है।
भारत समाधान का माध्यम बन रहा
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अभिभाषण में कहा था कि जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। न्होंने अभिभाषण में यह भी कहा था कि जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वह इन वर्षों में उसे मिली है। बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति देश को अब मिल रही है। पॉलिसी पैरेलिसिस की चर्चा से बाहर आकर देश और देश की पहचान तेज की विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है।
तब कुछ लोग कन्नी भी काट गए
पीएम मोदी ने कहा कि जब राष्ट्रपति जी का अभिभाषण का हो रहा था, तब कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता तो राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखा चुके हैं। जब इस प्रकार की बातें टीवी पर कही गईं, तो भीतर पड़ा हुआ नफरत भाव था, वह सच बाहर आकर ही रह गया। ...ठीक है, बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश की गई। जब राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा सुन रहा था, तब लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। राष्ट्रपति जी के भाषण पर किसी को एतराज नहीं है या आलोचना नहीं है।
राहुल गांधी पर पीएम मोदी का शायराना वार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही राहुल गांधी का नाम लिए बिना शायराना अंदाज में हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं देख रहा था कल कि कुछ लोगों के भाषण के बाद उनके समर्थक उछल रहे थे। वे खुश होकर कहने लगे कि ये हुई ना बात। शायद नींद भी अच्छी आई होगी। शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है- ये कह कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।
राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है, लेकिन आज आजादी के 75 साल के बाद समाज में जो गौरव को बढ़ाया है, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है, उसके लिए आभारी हूं। उनके भाषण में संकल्प से सिद्धि तक का खाका खींचा गया। एक प्रकार से देश को प्रेरणा भी दी गई। यहां सभी ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। सभी ने अपनी प्रवृत्ति और समझ के हिसाब बात की। इससे उनके इरादे भी प्रकट हुए। देश की जनता ने सब कुछ देखा।