भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में पीएम मोदी बोले- जितना कीचड़ उछालोगे,कमल उतना खिलेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोले। राज्य सभा में आज जैसे ही पीएम मोदी बोलने के लिए खड़े हुए, विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने लगे। प्रधानमंत्री को अपना संबोधन बीच में रोकना पड़ा। मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे लगते रहे। सदन में काफी देर तक हंगामा देखने को मिला। हंगामा शातं होने के बाद पीएम मोदी ने फिर से अपना भाषण शुरू किया।पीएम मोदी ने कहा कि, यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने सदन से देश को दिशा दी। सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है। सदन में होने वाली बातों को देश गंभीरता से सुनता और लेता है। विपक्ष के हंगामे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शायराना तंज कसा। उन्होंने कहा- कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। इस पर सभी मेज थपथपाने लगे लेकिन विपक्ष के नारे नहीं रुके। मोदी ने कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज्यादा खिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, डिजिटल दुनिया में आज हिंदुस्तान दुनिया का लीडर बना हुआ है। एक समय था, हम मोबाइल इंपोर्ट करते थे, आज मेरा देश मोबाइल एक्सपोर्ट कर रहा है। हर तकनीक को देश बहुत तेज गति से अपना रहा है, उसका विस्तार कर रहा है। हमने दवाइयां पहुंचाने का काम ड्रोन से हो रहा है, इसके लिए हमने पॉलिसी का बदलाव किया है। पीएम मोदी ने कहा, देश को आधुनिक होना है, नए संकल्पों को सोचना है तो साइंस और टैक्नोलॉजी को नकार नहीं सकते। हम टुकड़ों में नहीं सोचते हैं। हम हर दिशा में काम कर रहे हैं। हमने स्पेस के क्षेत्र में प्राइवेट भागेदारी का सपना पूरा किया। मुझे खुशी है देश के नौजवान प्राइवेट सैटेलाइट छोड़ने का सपना देखते हैं, यह गर्व की बात है। यूनिकॉर्न की दुनिया में हम तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आज गर्व होता है कि सियाचीन में मेरे देश की कोई बेटी मां भारती की रक्षा करने के लिए तैनात होती है। बेटियों के लिए हमने सैनिक स्कूल खोले। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने बेटी बचाओ अभियान चलाया। मुझे इस बात की खुशी है कि बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है। बेटी जब स्कूल जाए और टॉयलेट के अभाव में स्कूल छोड़ दे, इसकी चिंता हमने की। बेटियों के लिए अलग शौचायल बनाए। बेटी की शिक्षा जारी रहे, इसके लिए हमने सुकन्या योजना चलाई। बेटी बड़ी होकर अपना काम करने के लिए बिना गारंटी लोन ले सके, इसके लिए मुद्रा योजना शुरू की। हमारी सरकार ने महिला सशक्तिकरण को लेकर, महिलाओं के विकास को हमारी सरकार ने प्राथमिकता दी। मुझे इस बात का गर्व है कि 11 करोड़ शौचालय बनाकर मैंने मेरी माताओं-बहनों को इज्जतघर दिया है। हमारी सरकार माताओं के सशक्तिकरण के लिए संवेदनशील हैप्रधानमंत्री ने कहा, इस देश के किसानों के साथ क्या बीती है। ऊपर के एक वर्ग को संभाल लेना और वहीं से राजनीति चलाना, यही सिलसिला चला। देश में छोटे किसान उपेक्षित थे, उनकी आवाज काई सुनने वाला नहीं था। हमारी सरकार ने उन पर ध्यान दिया। आज साल में तीन बार सम्मान निधि सीधे छोटे किसानों के खातों में जमा होती है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। प्रधानमंत्री ने कहा, देश की आजादी में आदिवासी भाईयों का बहुत योगदान है, लेकिन दशकों तक वे विकास से दूर रहे। उनके नौजवानों के मन में बार-बार सरकार के खिलाफ सवाल उठते चले गए। सरकार ने उनके हित में काम किया होता, तो आज मुझे इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार आदिवासियों के लिए अगल मंत्रालय बना।
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, हम देश को विकास का मॉडल दे रहे हैं। देश हमारे साथ है। कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन कांग्रेस के साथी साजिशों से बाज नहीं आते हैं। जनता उनको देख रही है और सजा दे रही है।प्रधानमंत्री ने कहा, हम ऐसी कार्य संस्कृति को लेकर आ रहे हैं, जो मेरा-तेरा को मिटाने वाला रास्ता है। उन्होंने कहा, हम मक्खन पर लकीर पर खींचने वाले लोग नहीं हैं, हम पत्थर पर लकीन खींचने वाले लोग हैं।प्रधानमंत्री ने कहा, देश आजाद हुआ, तब से 2014 तक 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे। लोग सांसदों के पास जाते थे कि हमें कनेक्शन मिल जाए। उस समय डिमांड भी कम थी, गैस लाने के लिए खर्चा भी नहीं करना पड़ता था। हमने तय किया कि हम घर को एलपीजी कनेक्शन देंगे। हमें मालूम था, हमें मेहनत करनी पड़ेगी, दुनिया भर से गैस लाने पड़ेगी, लेकिन हमारी प्राथमिकता देश का सामान्य नागरिक था। इसलिए हमने 32 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास गैस कनेक्शन पहुंचाए। इस एक उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि हमें कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा, कोई भी सरकार में आता है, तो देश के लिए कुछ करने का वादा करके आता है, लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। इसलिए विकास की गति, नियत, परिणाम क्या है, यह बहुत मायने रखता था। सिर्फ आप कहते रहें कि हम भी कुछ करते थे, इतने से बात बनती नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, पहले देश में परियोजनाओं को अटकाना, लटकाना आदत बन गई थी। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया, पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान लेकर आए और देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने का काम हो रहा है। जो योजनाएं बनाने में महीनों लग जाते थे, वे सप्ताहों के भीरत आगे बढ़ा दिया जाता है। क्योंकि आधुनिक भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व हम समझते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, कलबुर्गी में आठ लाख से ज्यादा जनधन के खाते खुले हैं। इतने काम के बाद अगर किसी का खाता बंद हो जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। कभी कभी यहां तक कही देते हैं कि गरीब को हरा दिया। अरे भाई जनता जनार्दन ने किसी और को जिता दिया और आप यहां रो रहे हो। जनधन आधार मोबाइल की त्रिशक्ति और डीबीटी के तहत पिछले कुछ वर्षों को 27 लाख करोड़ रुपया देश की जनता के खातों में हितधारकों के ट्रांसफर किया गया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमनें बैंकिंग व्यवस्था का स्थाई समाधान निकाला और जनधन अभियान चलाया। पिछले नौ साल में ही 48 करोड़ जनधन खाते खोले गए। 32 करोड़ बैंक खाते ग्रामीण और कस्बों में हुए हैं। यानी देश के गांव तक प्रगति की मिसाल को ले जाने का प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा, खरगे जी शिकायत कर रहे थे, मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं।