पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को आज संबोधित करेंगे पीएम मोदी
सम्मेलन में सहकारी संघवाद की भावना को आगे ले जाते हुए प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरन्मेंट (लाइफ) को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती का प्रभावी मुकाबला करने से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, वन्यजीव और वन प्रबंधन के मुद्दों पर राज्यों की कार्य योजनाओं जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन का शुक्रवार को उद्घाटन करेंगे। गुजरात के एकता नगर में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। सम्मेलन में वन्यजीव संरक्षण पर विशेष जोर देने के साथ ही वन क्षेत्र बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 23 और 24 सितंबर को आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में छह सत्र होंगे। इनमें लाइफ, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां, पर्यावरण परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की निकासी सुविधा से जुड़ी परिवेश योजना, वन प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम, वन्यजीव प्रबंधन और प्लास्टिक और कचरा प्रबंधन जैसे विषयों को शामिल किया गया है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
सहकारी संघवाद की भावना को आगे ले जाते हुए प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरन्मेंट (लाइफ) को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती का प्रभावी मुकाबला करने से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, वन्यजीव और वन प्रबंधन के मुद्दों पर राज्यों की कार्य योजनाओं जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। आयोजन का मकसद केंद्र की नीतियों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए राज्यों व केंद्र सरकार के मध्य तालमेल बनाना है।
टीम इंडिया और सहकारी संघवाद की भावना को मजबूती दे रही केंद्र सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार टीम इंडिया और सहकारी संघवाद की भावना को मजबूती देने और राज्य के नीति निर्माताओं को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पीएम मोदी इससे पहले भी कई मौकों पर टीम इंडिया की भावना को पोषण देने वाले आयोजनों की शुरुआत कर चुके हैं। उदाहरण के तौर पर 10 सितंबर को पीएम मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया था। उससे पहले 25 अगस्त को मोदी ने राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में राज्यों के श्रम मंत्रियों को संबोधित कर उनमें राष्ट्रीय चेतना फूंकी थी। मोदी 16 जून को धर्मशाला में मुख्य सचिवों की दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भी पहुंचे थे। अपने तरह के पहले आयोजन में उन्होंने देश के वरिष्ठतम नौकरशाहों को नीति निर्धारण और उन्हें लागू करने का पाठ पढ़ाया था। पीएम मोदी ने 30 अप्रैल को मुख्यमंत्रियाें और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिसों के संयुक्त सम्मेलन का भी उद्घाटन किया था।
कोरोना के समय से मोदी ने राज्यों के साथ संवाद बढ़ाया
पीएम मोदी के नेतृत्व में विभिन्न राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजनों से टीम इंडिया की भावना को लगातार पोषण दिया जा रहा है। इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण कोरोना महामारी के दौरान पीएम मोदी का राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ संवाद बढ़ाना है। मार्च 2020 से अप्रैल 2022 तक प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों के साथ 20 ऐसी बैठकों की अध्यक्षता की है।
मोदी को विश्वास, राज्य-केंद्र के बीच समन्वय ही चुनौतियों का तोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात पर पूरा विश्वास है कि राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय से ही बड़ी से बड़ी चुनौती का तोड़ निकल सकता है। वह इसी मंत्र पर आगे बढ़ रहे हैं और देश को एक समृद्ध लाभांश हासिल करने में मदद कर रहे हैं। उनका यही समन्वय दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में भी काम आया।
2014 से अब तक पीएम डीजीपी आईजीपी के हर सम्मेलन में पहुंचे
पीएम मोदी ने पुलिसिंग में भी विशेष रुचि दिखाई और 2014 से अब तक हुए डीजीपी-आईजीपी के हर वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लिया। 2014 से पहले जो वार्षिक आयोजन प्रथागत रूप से दिल्ली में आयोजित होता था, मोदी सरकार आने के बाद से देश के अलग अलग हिस्सों में आयोजित होने लगा। कोरोना महामारी के दौरान 2020 में यह आयोजन थमा नहीं और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुए सम्मेलन में मोदी शामिल हुए। 2014 में गुवाहाटी, 2015 में रण कच्छ, 2016 में हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, 2017 में टेकनपुर की बीएसएफ अकादमी, 2018 में केवड़िया, 2019 में पुणे के आईआईएसईआर और 2021 में लखनऊ में इस वार्षिक सम्मेलन का आयोजन हुआ था।
कई मुद्दों पर कराए राष्ट्रीय सम्मेलन
मोदी सरकार में किसानों की आय दोगुनी करने, महिला विकास समेत पर्यावरण, संस्कृति, खेल, ईगवर्नेंस जैसे तमाम मुद्दोें पर राष्टीय सम्मेलनों का आयोजन हुआ। जहां देशभर से जुटे विशेषज्ञों ने संबंधित मुद्दों पर अपने विचार रखे और जनता की राय जानी। इसके कुछ प्रमुख उदाहरण हैं 2018 में हुआ ‘कृषि-2022: किसानों की दोगुनी आय’ राष्ट्रीय सम्मेलन, 2016 में गैंगटोक में हुआ सतत कृषि एवं किसान कल्याण राष्ट्रीय सम्मेलन, 2018 में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन, इसी जगह पर 2016 में महिला विधायकों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ था।
नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की सात बैठकों में हिस्सा
मोदी ने टीम इंडिया के समस्त हितधारकों को शामिल करके नीतिगत मामलों पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बीते आठ वर्षों में नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की सात बैठकों में हिस्सा लिया। इसी तरह, मोदी ने राज्यपालों के कई राष्ट्रीय सम्मेलनों को भी संबोधित किया।