सातवें दिन भी नहीं चली संसद: 23 मार्च तक के लिए दोनों सदन स्थगित

सातवें दिन भी नहीं चली संसद: 23 मार्च तक के लिए दोनों सदन स्थगित
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देश की संसद लगातार सातवें दिन नहीं चली। सत्ताधारी बीजेपी, राहुल गांधी से लंदन में स्पीच पर माफी मंगवाने पर तुली है। जबकि विपक्ष अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहा है। दोनों तरफ से सदन शुरू होते ही हंगामा शुरू होता है और कुछ ही क्षणों में संसद को स्थगित कर दिया जाता है। यह सिलसिला लगातार सात दिनों से जारी है। न सत्ताधारी दल सदन को चलाने में सहयोग कर रहा न ही विपक्ष।

 

मंगलवार को सातवें दिन राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन दोनों तरफ से दोनों सदनों में नारेबाजी शुरू हुई। इसके बाद दोनों सदनों को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने के लिए कहा गया लेकिन बीजेपी सदस्यों ने राहुल गांधी की माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने 23 मार्च तक के लिए राज्यसभा को स्थगित कर दिया। हालांकि, सदन शुरू होने के पहले उपराष्ट्रपति ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। परंतु बात नहीं बन सकी। इसी तरह लोकसभा की कार्यवाही भी महज 25 मिनट ही चल सकी। नारेबाजी के बीच सदन को 23 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया। संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है। लेकिन बजट पर चर्चा करने की बजाय दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए लगातार हंगामा कर रहे हैं।

 

लगातार सदन स्थगित किए जाने पर संसद की पहली मंजिल पर विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदर्शन किया। सांसदों के हाथ में बैनर-पोस्टर था। पोस्टर लगाकर वह अडानी-हिंडनबर्ग केस में जेपीसी की मांग कर रहे थे। सांसदों ने जेपीसी की मांग पर जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसदों ने अलग प्रदर्शन किया। टीएमसी सांसद, प्रधानमंत्री से अडानी मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहे 

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