देशभक्ति सभी कार्यों के मूल में होनी चाहिए - मूंदड़ा
निंबाहेड़ा श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। प्रातः 8 बजे से शेषावतार ठाकुर जी के पूजन से समरोह प्रारंभ हुआ । भारत माता एवं सरस्वती माता का पूजन विशिष्ट अतिथि अनिल धूत, सम्मानित अतिथि कुलदीप अग्रवाल के साथ अध्यक्ष रहे विश्वविद्यालय के चेयर पर्सन कैलाश मूंदड़ा ने किया । इस मौके पर विश्वविद्यालय के छात्रों ने योग प्रदर्शन किया । उद्बोधन में योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश चौधरी ने कहा कि हमे मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर आजाद होना अभी बाकी है, अंग्रेजो से हमे आजादी मिली है परंतु उनके बनाए नियम कानूनों से अभी मुक्ति मिलना शेष है। वेद विभागाध्यक्ष धर्मेन्द्र चौबे ने कहा कि वैदिक राष्ट्र की संकल्पना वेदों में निहित है। भारत का भूभाग भौगोलिक दृष्टि से भले पराधीन रहा हो आध्यात्मिक दृष्टि से हमारे ऋषियो का कार्य राष्ट्र के विकास के लिए समुन्नत रहा है। विशिष्ट अतिथि अनिल धूत ने सबको स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कल्लाजी महाराज से देशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की। सम्मानित अतिथि कुलदीप अग्रवाल ने कहा कि मेवाड़ का ही नही अपितु समग्र भारत का गौरव यह वैदिक विश्वविद्यालय है। यहां के बटुको में राष्ट्र भक्ति बाल्यकाल से ही सिखाई जाती है। अध्यक्षीय उद्बोधन में कैलाश चन्द्र मूंदड़ा ने कहा कि आजादी की लड़ाई 1857 से प्रारंभ न होकर कल्लाजी महाराज से भी पहले के वीर योद्धाओं ने प्रारंभ किया । आज देश को शारीरिक नही बल्कि मानसिक गुलामी से निकलने की आवश्यकता है हमारे देश के युवाओं में ऊर्जा चाहिए जो चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों में विद्यमान था । देश एक ऐसे समय से गुजर रहा है जहां वैदिक शिक्षा की आवश्यकता दिखने लगी है हर तरफ वेदों की गूंज सुनाई देने लगी है। नई शिक्षा नीति के द्वारा भी भारतीय परंपरागत विद्याओं को बढ़ावा मिल रहा है। मानव के चरित्र और नैतिकता के गुणों से ही राष्ट्र का सुंदर रचना किया जा सकेगा। संयोजक डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि यह कार्यक्रम अभूतपूर्व रहा और ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों में अधिक ऊर्जा का संचार होता है। इस मौके पर वेदपीठ के सचिव गोविन्द सहाय, यजुर्वेद के आचार्य त्रिलोक शर्मा, वेदपीठ के बटुक विश्वविद्यालय कुलसचिव महोदय एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ चंद्रवीर सिंह राजावत, संगणक विभाग से डा सुनील शर्मा, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी राकेश पारीक, ग्रन्थालय से साक्षी मिश्रा सहित अन्य कार्मिक उपस्थित रहे । संचालन योग विभाग से डा महेन्द्र शर्मा, एवं धन्यवाद ज्ञापन ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने किया।