दिल्ली, यूपी-बिहार के लोग भी हो जाएं सावधान, भीषण गर्मी को लेकर आया ये अपडेट
नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में धूप के साथ बादलों की लुकाछिपी का खेल जारी है। वहीं, दक्षिण भारत समेत देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई है। तेलंगाना में लू को लेकर येलो अलर्ट जारी किया जा चुका है। लोगों को विशेष रूप से दोपहर में 12 बजे से 3 बजे के बीच घरों से नहीं निकलने की सलाह दी गई है। तेलंगान में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मुंबई में गर्मी को देखते हुए कोल्ड रूम तक तैयार किए जा रहे हैं। वहीं, दिल्ली में रविवार को न्यूनतम पारा 16.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह इस मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री कम है। दक्षिण भारत समेत अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी को देखते हुए लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर उत्तर भारत में लू कब तक दस्तक देगी।
अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान
अप्रैल की शुरुआत से ही देश के कई हिस्सों में तापमान 40 से 43 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है। इससे लू का खतरा बढ़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हाल ही में पूर्वानुमान जताया था कि इस साल देश में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। चुनावी साल में अप्रैल से जून के बीच उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) चलेगी। भारत के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि अप्रैल और जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। मध्य भारत, उत्तर के मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कई दिनों तक लू चलने का अनुमान है। इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
किन राज्यों में कितना रहेगा लू का असर
आईएमडी के महानिदेशक ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने तथा मध्य दक्षिण भारत में इसकी ज्यादा संभावना है। महापात्र ने कहा कि अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में मध्य भारत के कई इलाकों और उत्तरी मैदानी इलाकों तथा दक्षिण भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक लू वाले दिन रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मध्य भारत और उत्तरी मैदानी इलाकों तथा दक्षिण भारत में अप्रैल में सामान्य लू दिवसों के विपरीत अधिक दिन तक लू चलने का अनुमान है। महापात्र के अनुसार, इन क्षेत्रों में सामान्यतः एक से तीन दिनों की तुलना में दो से आठ दिन तक लू चलने की संभावना है।
सरकार की क्या है तैयारी?
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 29 फरवरी को सभी राज्यों को लू के संबंध में परामर्श जारी किया गया था। राज्यों के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना और आम जनता के लिए क्या करें और क्या न करें की जानकारी भी साझा की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य विभागों को लू के संभावित मामलों के तेजी से विश्लेषण और मानक उपचार प्रोटोकॉल की बात कही है। इसके तहत डॉक्टरों की ट्रेनिंग सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पीने के पानी, अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। विभागों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है कि शीघ्र कदम उठाने के लिए एम्बुलेंस में आइस पैक, ठंडे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। 23 राज्यों ने हीट वेव से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है।