जिप की साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने ली अधिकारियों की क्लास
चित्तौड़गढ़। जिला परिषद की शुक्रवार को जिला ग्रामीण विकास अभिरकरण के सभागार मंे आयोजित साधारण सभा की बैठक में जिला प्रमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जनहित के कई मुद्दो को लेकर अधिकारियों की क्लास ले डाली। इस दौरान कई अधिकारी बगले झांकते नजर आये। जिला प्रमुख डॉ सुरेश धाकड़ आलाधिकारियों की गैर मौजूदगी पर उखड़ते नजर आये। बैठक की शुरूआत में जिला प्रमुख सहित विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, अर्जुन जीनगर, ललित ओस्तवाल, उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बड़ौली सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने विद्युत, जलदाय विभाग, महिला एंव बाल विकास विभाग, अवैध बजरी परिवहन, जलजीवन मिशन सहित विभिन्न विभागों के मुद्दो को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों की क्लास लेते हुए समयबद्ध समस्याओं के निस्तारण पर जोर दिया।
छाया रहा फ्यूल चार्ज का मुद्दा
बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज का मुद्दा उठाते विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता को घेरते फ्यूल चार्ज का ब्यौरा लेने पर जिले में वर्ष में 120 करोड़ का अतिरिक्त राशि निगम द्वारा वूसली करना पाया गया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि एक ओर राज्य सरकार महंगाई राहत के नाम पर 200 यूनिट फ्री बिजली देने की बात पर वाहवाही लूट रही है, वही दूसरी ओर पिछले एक वर्ष मंे इस बार अधिकांश विद्युत उपभोक्ताआंे के बिल निगम द्वारा फ्यूल चार्ज के नाम पर काफी बढी हुई राशि के प्राप्त हो रहे है। ऐसे में राहत की बात बेमानी साबित हो रही है। जनप्रतिनिधियों ने वर्षाकाल में जगह-जगह विद्युत तारों की नीचे होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में कई जगह विद्युत दुर्घटनाएं घटित हो रही है, जिसके लिये विद्युत निगम जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बारीश के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों मंे वीसीआर भरने की आवश्यकता नहीं है, वही सामान्य दिनों मंे वीसीआर भरने का समय प्रातः 9 से सांय 5 बजे के बीच किया जाना चाहिए। विधायक आक्या ने विद्युत निगम को धुत्तक मंडल करार दिया।
क्रमोन्नत विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि एक ओर राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों को क्रमोन्नत करने व हिन्दी से अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बनाने का श्रेय लिया जा रहा है, वही दूसरी ओर क्रमोन्नत विद्यालयों में शिक्षकों के अभाव से बच्चों के भविष्य संकट में है। उन्होंने कहा कि एकाएक हिन्दी माध्यम विद्यालयों को अंग्रेजी मंे परिवर्तित करने से ग्रामीण क्षेत्र के कई बच्चों को पढाई मंे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में जिला शिक्षाधिकारी को इन समस्याओं को शीघ्र सुधारने के लिये निर्देशित किया।
परिवहन विभाग की चौथ वसूली व बजरी का उठाया मुद्दा
बैठक में जनप्रतिनिधियों एंव जिला परिषद सदस्यों ने परिवहन विभाग की चौथ वसूली पर मौजूद सहायक परिवहन अधिकारी को घेरते हुए कहा कि अनावश्यक जिले वासियों को वसूली के नाम पर परेशान नहीं किया जाए। वही दूसरी ओर खनन विभाग को अवैध बजरी के परिवहन व बिना अनुमति के बजरी स्टॉक करने पर कार्यवाही के निर्देश दिये।
पाईप लाईन के नाम पर दो-दो हजार की वसूली
जनप्रतिनिधियों ने जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता को जल जीवन मिशन योजना के तहत कनेक्शन व पाईप लाईन बिछाने के नाम पर जनता से दो-दो हजार रूपयें वसूलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि इस योजना के तहत कंेद्र व राज्य सरकार द्वारा 45-45 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराने के बाद शेष 10 प्रतिशत राशि जन सहयोग से ली जानी चाहिए, उसकी बजाय हर घर जल हर घर नल को लेकर ग्रामीण उपभोक्ताओं से राशि वसूलना विभाग की नाकामी साबित करता है।
बिना अनुमोदन के सवाल पर अधिकारियों ने साधी चुप्पी
जलग्रहण विकास संस्थान ने जिले में प्रधानमंत्री कृषक सिंचाई योजना के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव अधीक्षण अभियंता आरके अग्रवाल ने रखा। ये बात सुनते ही जिला प्रमुख सुरेश धाकड़ उखड़ गए। उन्होंने सवाल किया कि कितनी हास्यापद बात है कि इस महती योजना के अनुमोदन का प्रस्ताव कायदे से ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा, पंचायत समितियों की बैठक के बाद जिला परिषद की साधारण सभा में योजना के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद अनुमोदन के लिए प्रस्ताव आता है, लेकिन 80 करोड़ की इस परियोजना की डीपीआर बनने के बाद वर्क ओर्डर भी जारी हो गया है। ऐसे में सिर्फ अब वर्क ओर्डर से पहले स्वीकृत प्रस्ताव पर ठप्पा लगाने के लिए अनुमोदन करने का क्या औचित्य है। जिले की सात पंचायत समितियों में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना शुरू होगी, जबकि चार पंचायत समितियों में पहले से राजीव गांधी जल संचय योजना चल रही है। ऐसे में ये भी इसमें शामिल हो जाएगी। जिले की दो पंचायत समितियों बेगूं व भैसरोडगढ़ से इस योजना का अनुमोदन नहीं आया है। बाकी पंस का हो गया है। ये बात सुनते ही विधायक चंद्रभानसिंह आक्या भी बोल पड़े कि ऐसे कैसे हो सकता है। गत दिनों जब भदेसर पंस की साधारण सभा की बैठक में वह स्वयं मौजूद थे और उस समय अनुमोदन नहीं करने और इससे पहले डीपीआर में स्वीकृत कार्यों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को देने की बात कही थी तो फिर अनुमोदन कैसे हो गया। ये ही स्थिति चित्तौड़गढ़ पंस की भी थी। जब विधायक आक्या बिना अनुशंषा के ही किस स्तर पर अनुमोदन होने के सवाल करने लगे तो एकाएक संबंधित पंस के बीडीओ सहित अन्य अधिकारी ठोस जवाब नहीं दे पाए।
विभिन्न विभागों के कार्यो की ली जानकारी
बैठक में विधायकों, प्रधानों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रकरणों पर अधिकारियों के समक्ष चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए गए। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे पोषाहार वितरण, जलग्रहण विभाग के विभिन्न कार्यों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, ललित कुमार ओस्तवाल, अर्जुन लाल जीनगर, उप जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली, सहकारी भूमि विकास बैंक अध्यक्ष बद्रीलाल जाट एवं पंचायत समितियों के प्रधान, जिला परिषद सदस्यों ने जनहित से जुड़े मुद्दे उठाए। बैठक में सीईओ धायगुडे स्नेहल नाना, एसीईओ राकेश पुरोहित सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।