शारदीय नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की आरती, बढ़ेगा सौभाग्य

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की आरती, बढ़ेगा सौभाग्य
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धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। इन्हें सती, भवानी, पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल तो बाएं हाथ में कमल पुष्प है।

 

माता को सफेद रंग अति प्रिय है। इसलिए माता को सफेद मिठाई का भोग जरूर लगाना चाहिए। यहां देखें मां शैलपुत्री की आरती।
 

 

माता शैलपुत्री की आरती

जय शैलपुत्री माता
मैया जय शैलपुत्री माता।
रूप अलौकिक पावन
शुभ फल की दाता॥

जय शैलपुत्री माता ॥

हाथ त्रिशूल कमल तल
मैया के साजे ।
शीश मुकुट शोभामयी
मैया के साजे ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

दक्षराज की कन्या
शिव अर्धांगिनी तुम ।
तुम ही हो सती माता
पाप विनाशिनी तुम ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

वृषभ सवारी माँ की
सुन्दर अति पावन ।
सौभाग्यशाली बनता
जो करले दर्शन ॥

 

जय शैलपुत्री माता ॥

आदि अनादि अनामय
तुम माँ अविनाशी ।
अटल अनत अगोचर
अतुल आनंद राशि ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

नौ दुर्गाओं में मैया
प्रथम तेरा स्थान ।
रिद्धि सिद्धि पा जाता
जो धरता तेरा ध्यान ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

प्रथम नवरात्रे जो माँ
व्रत तेरा धरे ।
करदे कृपा उस जन पे
तू मैया तारे ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

मूलाधार निवासिनी
हमपे कृपा करना ।
लाल तुम्हारे ही हम
द्रष्टि दया रखना ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

करुणामयी जगजननी
दया नज़र कीजे ।
शिवसती शैलपुत्री माँ
चरण शरण लिजे ॥
जय शैलपुत्री माता ॥

मां शैलपुत्री बैल असवार... आरती

 

शैलपुत्री मां बैल असवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो

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