राहुल गांधी की सांसद बहाली को चुनौती देने वाली याचिका खारिज; चंद्रबाबू नायडू को भी मिली राहत

राहुल गांधी की सांसद बहाली को चुनौती देने वाली याचिका खारिज; चंद्रबाबू नायडू को भी मिली राहत
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है।


शीर्ष अदालत गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली वकील अशोक पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने चार अगस्त को राहुल गांधी की मोदी उपनाम पर एक टिप्पणी से संबंधित मामले में उनकी सजा पर रोक लगा लगा दी थी। इसके बाद  लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी थी। कांग्रेस नेता को मार्च 2023 में निचले सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनके 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?' पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी।

Supreme Court Updates PIL challenging Rahul Gandhi reinstatement as MP rejected Chandrababu Naidu got relief

 तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे पुलिस: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में याचिका पर फैसला आने तक फाइबरनेट मामले में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने फाइबरनेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत संबंधी याचिका को नौ नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा कि पूर्व में दी गई व्यवस्था को बरकरार रखें। पीठ ने आंध्र प्रदेश पुलिस के 13 अक्तूबर के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि पुलिस नायडू को हिरासत में नहीं लेगी।

न्यायमूर्ति बोस ने कहा कि चूंकि आदेश एक अन्य याचिका पर सुरक्षित रखा गया है, इसलिए यह उचित होगा कि अदालत के फैसला सुनाए जाने के बाद नायडू की तत्काल याचिका पर विचार किया जाए। नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह (नायडू) कौशल विकास घोटाला मामले में पहले से ही हिरासत में हैं, इसके बावजूद पुलिस फाइबरनेट मामले में उन्हें हिरासत में लेना चाह रही है।

फाइबरनेट मामला पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये की ‘एपी फाइबरनेट’ परियोजना के चरण-1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में निविदा में कथित हेरफेर से संबंधित है। आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया कि निविदा आवंटित करने से लेकर परियोजना को पूरा करने तक अनियमितताएं हुईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

चंद्रबाबू नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से कथित रूप से धन का गबन करने के मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस कथित घोटाले से सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया। नायडू राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

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