राज्य राजी हों तो पेट्रोल-डीजल आ सकता है जीएसटी के दायरे में: वित्त मंत्री
नई दिल्ली,। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पेट्रोल-डीजल व गैस को जीएसटी के दायरे में लाने का पहले से प्रविधान है। बुधवार को एक औद्योगिक संगठन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्य व जीएसटी काउंसिल का राजी होना पड़ेगा।
हम पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल देंगे: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि एक बार राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने के लिए राजी हो जाते हैं और जीएसटी काउंसिल भी राजी हो जाती है और पेट्रोल-डीजल की जीएसटी दर तय हो जाती है तो हम पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल देंगे। हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का जिक्र किया था। पेट्रोलियम मंत्रालय पिछले कुछ सालों कई बार इसकी कोशिश भी कर चुका है।
आगामी 18 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की बैठक प्रस्तावित
पेट्रोल व डीजल पर अभी उत्पाद शुल्क लगता है जिसमें राज्यों की हिस्सेदारी भी होती है। जीएसटी के दायरे में नहीं होने से राज्य अपने हिसाब से पेट्रोल व डीजल पर वैट भी लगाते हैं जो उनके राजस्व का प्रमुख स्त्रोत हैं।आगामी 18 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की बैठक प्रस्तावित है। हालांकि आगामी बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी क्योंकि यह काउंसिल की बैठक के एजेंडा में नहीं है।