साहित्यकार डॉ सिरोलिया की स्मृति में काव्य संध्या, डॉ सक्सेना को अवार्ड

भीलवाड़ा (हलचल )साहित्यकार डॉक्टर युगल किशोर प्रोजेक्ट के जन्मोत्सव पर आज महाराणा प्रताप सभागार में काव्य सम्मेलन रखा गया इस सम्मेलन में डॉक्टर सिरोलिया अवार्ड डॉ विष्णु सक्सेना को पंचमुखी मंदिर के महंत लक्ष्मण दास त्यागी ने प्रदान किया नगर परिषद सभागार में साहित्यकार डॉ युगल किशोर सिरोलिया की स्मृति में आयोजित काव्य संध्या में कवि हरीश हिंदुस्तानी डॉ विष्णु सक्सेना सूरज राय सूरज, राजीव राज , रमेश शर्मा, योगेंद्र शर्मा आदि ने काव्य पाठ किया ,
काव्योत्सव का आगाज गीतकार कवि विष्णु सक्सेना ने सरस्वती वंदना से किया। सक्सेना ने अपने चिर परिचित अंदाज में ये न कहना कि संगेदिल कभी नहीं रोते, सारे दरिया तो पर्वतों से ही निकलते है पढ़ी तो श्रोताओं ने खूब प्यार दिया।कवि सूरज राज सूरज ने मैंने तो मजाक में रोकी थी अपनी सांस, रिश्ते खुले तो शर्म से मरना पड़ा कविता पढ़ी। राजीव राज ने यादें झीनी रे झीनी रे झीनी रे गीत पढ़ा तो श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए। कवि सम्मेलन में हरीश हिन्दुस्तानी ने सामाजिक बुराइयों पर व्यंग्य कर श्रोताओं को गुदगुदाया। वहीं रमेश शर्मा ने संवेदनाओं पर केंद्रित कविता याद आती हैं मां पढ़ी तो श्रोता भावुक हो गए। संचालन कवि योगेंद्र शर्मा ने किया।, एक बालक ने भी प्रस्तुति दी जिस का माला पहना कर सम्मान किया गया इस मौके पर महेश शर्मा डॉ प्रियंका कौशिक ने भी शिरकत की जबकि बाबूलाल जाजू ,मंजू पोखरना, लक्ष्मी नारायण डाड, संजय पेड़ीवाल, के साथ ही शहर के उद्योगपति अधिकारी व अन्य लोग देर रात तक कवियों के काव्य पाठ से बन्ध रहे।