केन्द्र सरकार के कुप्रबंधन से गहरा रहा बिजली व खाद का संकट
भीलवाड़ा। केन्द्र की भाजपा सरकार के कुप्रबंधन व समय पर नहीं चेतने की नीति का खमियाजा आमजन व किसानों को भुगतना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार के गंभीरता नहीं दिखाने से किसान को न तो पूरी बिजली मिल रही है ओर न ही रबी बुवाई के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध हो रही है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं विधानसभा चुनाव-2018 में भीलवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल डांगी ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार बिजली आपूर्ति व खाद उपलब्धता की स्थिति में सुधार करने की बजाय अपनी नाकामियां राज्य सरकारों पर डालने का असफल प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आमजन को भली भांति पता है कि राज्यों के बिजली प्लान्टों को कोयला आपूर्ति करना व किसानों के लिए खाद उपलब्ध कराने का दायित्व केन्द्र सरकार का है जिससे वह बच नहीं सकती। उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के पास बिजली उत्पादन के लिए कोयले का बहुत कम स्टॉक रह जाना केन्द्र सरकार की नाकामी का प्रतीक है। केन्द्र ने राजस्थान पर कोयला आपूर्ति के लिए बकाया भुगतान नहीं करने का जो आरोप लगाया उसे बारे में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साफ कर चुके है कि कोयला कंपनियों की कोई राशि बकाया नहीं है एवं कोयला की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साफ कर चुके है कि राज्य स्तर पर भुगतान को लेकर कोई देरी या ढिलाई नहीं बरती जा रही है। कोल इंडिया जैसी केन्द्र सरकार की कंपनियां जो आरोप लगा रही है वह मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी ने कहा कि अगले माह से रबी बुवाई का कार्य शुरू हो जाएगा। ऐसे में किसानों के लिए केन्द्र सरकार पर्याप्त खाद उपलब्ध कराए। मांग के अनुसार खाद नहीं उपलब्ध कराने से राज्य में कई जगह किसान परेशान हो रहे है और समय पर केन्द्र सरकार सचेत नहीं हुई तो कानून व्यवस्था की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अन्नदाता किसानों को खाद का कोई संकट नहीं हो इसके लिए राज्यों की मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। अनिल डांगी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वह आमजन को इन दोनों मुद्दों पर जागरूक करने का कार्य करें और सच्चाई को जन-जन तक पहुंचाए ताकि केन्द्र सरकार के दुष्प्रचार की हकीकत सामने आ सके।