महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रताप गौरव गाथा कार्यक्रम आयोजित

महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रताप गौरव गाथा कार्यक्रम आयोजित
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चित्तौड़गढ़। प्रताप गौरव गाथा कार्यक्रम की अतिथि राजऋषि समता राम महाराज, डॉ ओमेंद्र रतनु एवं महालक्ष्मी समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह निबोदा ने दीप प्रज्वलन कर विधिवत रूप से शुरुवात की। इसके पश्यात समिति के सचिव बृज बिहारी पालीवाल ने समिति का परिचय देते हुए बताया कि पिछले 19 वर्षों में समिति ने सामाजिक सरोकार के किस तरह कार्यों को अपने लक्ष्य तक पहुचा पाए। इसके बाद प्राप्त संत सानिध्य के रूप में समता राम महाराज ने कहा कि जन्म लेना और नियत दैनिक कार्य करना और मृत्यु को प्राप्त करना ये तो सभी मानव कर रहे है लेकिन अपने जीवन का एक लक्ष्य बना कर समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचय करना ही एक महापुरुष के जन्म जयंती मनाना सार्थक रहेगा। उन्होंने कहा कि जब तक व्यक्ति अपने कार्य को पहचान से नही पूरा कर लेता उसे शांत नही बैठना चाहिए। गोपाल जाट एवं साथियों द्वारा एक मेवाड़ के उज्जवल इतिहास से जुड़ा गीत गाया गया और बिना ही किसी औपचारिकता के मुख्य वक्ता ने अपने बात का संवाद सभी के साथ किया। डॉ ओमेंद्र रतनु ने अपने आप को बड़ा ही सौभाग्य शाली बताया कि वह चित्तोड़गढ़ के पवित्र भूमि पर है और हिंदुत्व की अलख व स्वतंत्रता के पुजारी
हिंदुपति महाराणा प्रताप का जन्म जयंती के अवसर पर कहा कि अपने नैतिक मूल्यों को समझना पड़ेगा और उसी दिशा में अपने कर्म को अंजाम देना पड़ेगा। डॉ रतनू द्वारा हिंदुत्व से संबंधित एक शपथ दिलाई गई एवं इतिहास की कई बातों से आज के परिपेक्ष्य में सबंध बताते हुवे हिंदुओ को जागृत होने की प्रबल जरूरत है। स्वयं द्वारा रचित एक गीत भी प्रस्तुत किया जिसमें पाकिस्तान से आये हिंदुओ की व्यथा उजागर की गई थी। रतनु ने इतिहास को शुद्ध करने पर काफी बल दिया। उसके बाद आभार उदय सिंह चौहान द्वारा दिया गया। काखानी द्वारा वन्दे मातरम प्रस्तुत किया गया। इस गौरवमयी कार्यक्रम में समाज एवं राजनीति से जुड़े काफी महानुभाव उपस्थित रहे जिनमे विधायक चन्द्र भान सिंह आक्या, जौहर स्मृति संस्थान अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, सरपंच रणजीत सिंह भाटी, जनक सिंह, रणधीर सिंह, लक्ष्मी लाल पोखरना, सुशील शर्मा, प्रवीण सिंह राठौड़, कमलेश पुरोहित, लक्ष्मन सिंह, ओम प्रकाश, शक्ति सिंह, मीठू लाल जाट, प्रदीप काबरा, तख्त सिंह सोलंकी, ओंकार सिंह राणावत, नरपत सिंह भाटी, बृज बिहारी पालीवाल, खुमान सिंह, अनिल गुप्ता, उदय सिंह चौहान, गजराज सिंह भाटी, करण सिंह भाटी, रणजीत सिंह राणावत, सोहन सिंह, राजेंद्र सिंह, दुर्गा सिंह राणावत, शैतान सिंह भाटी, राजेंद्र सिंह भाटी, महेंद्र सिंह मेड़तिया, हर्षवर्धन सिंह, एसपी सिंह राठौड़, मंगल सिंह खंगारोत, श्याम सिंह हाडा, पुष्पेंद्र सिंह सोलंकी, रघुवीर सिंह शक्तावत, राजबहादुर सिंह चौहान, मनोज कुमार सिंह, सूर्यपाल सिंह सोलंकी आदि महानुभाव एवं अनेक समाज के संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी उपस्थित रहे। 
 

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