प्रेमलता के प्रेमी ने ही किया था कत्ल, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा बनीं हत्या की वजह, आरोपित गिरफ्तार

प्रेमलता के प्रेमी ने ही किया था कत्ल, छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा बनीं हत्या की वजह, आरोपित गिरफ्तार
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  भीलवाड़ा बीएचएन। प्रेमलता सालवी की हत्या का बनेड़ा पुलिस ने 12 घंटे में खुलासा कर दिया। यह कत्ल महिला के ही प्रेमी दौलतसिंह राजपूत ने किया था। दोनों के बीच अवैध प्रेम संबंध थे।  आरोपित के नशा करने और छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाला झगड़ा इस हत्या की वजह रहा। आरोपित ने कबूल किया कि इन्हीं बातों को लेकर उसने प्रेम की हत्या की योजना बनाई और उसे शहर से बाइक पर बैठाकर मानपुरा पहाड़ी पर ले गया, जहां गला दबाकर प्रेम की हत्या कर दी और शव की पहचान न हो, इसके लिए पत्थर से बूरी तरह उसका सिर व चेहरा कुचल दिया। बता दें कि आरोपित दौलतसिंह राजपूत माताजी का खेड़ा, बनेड़ा का रहने वाला है। प्रेम व आरोपित दोनों एक ही फैक्ट्री में साथ काम करते थे। 
 बनेड़ा के मानपुरा मोड इलाके में पहाड़ी पर हुई प्रेम सालवी की हत्या का बनेड़ा पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस मामले में पुलिस ने माताजी का खेड़ा निवासी दौलत सिंह पुत्र भीमसिंह राजपुत को गिरफ्तार किया है। अब तक की पूछताछ में आरोपित ने कबूल किया कि उसने आये दिन के झगड़ों को लेकर पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से प्रेम की गला दबाकर हत्या कर दी और पहचान न हो, इसके लिए पत्थर से उसका चेहरा कुचल दिया। 
बनेड़ा थाना प्रभारी राजेंद्र ताड़ा ने बीएचएन को बताया कि मानपुरा मोड़ के पास स्थित पहाड़ी पर एक अज्ञात महिला का पत्थर से सिर व चेहरा कुचला शव शुक्रवार सुबह मिला था।  करेड़ा थाने के ठीकरियाखेड़ा निवासी राजकुमार उर्फ शंभु सालवी ने कल देर शाम मृतका की पहचान अपनी बहन तथा देवगढ़ निवासी गौतम उर्फ विकास ने अपनी मां प्रेम पुत्री जयराम सालवी के रूप में की।  प्रेम अभी शहर में बायोस्कोप के पीछे रह रही थी। पुलिस जांच और परिजनों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने दौलत सिंह को संदेह के घेरे में लिया, लेकिन वह अपने ठिकानों पर नहीं मिला। पुलिस ने तलाश कर दौलत सिंह को दबोच लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने दौलत सिंह ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 


दस साल से था दोनों में प्रेम-प्रसंग
दौलत सिंह ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया उसका पिछले दस साल से प्रेमलता के बीच प्रेम-प्रसंग था। प्रेमलता पत्नी गोपाल सालवी राजसमंद जिले के देवगढ़ की रहने वाली थी, जो अभी बायोस्कोप के पीछे रह रही थी। आरोपित ने कबूल किया कि वह और प्रेमलता  दोनो ही कंचन फैक्ट्री में साथ- साथ काम करते थे। इसी के चलते दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग हो गया। 

इसलिये छुड़ाना चाहता था प्रेमलता से पीछा
थाना प्रभारी ताड़ा ने बताया कि आरोपित दौलत सिंह राजपूत से पूछताछ में सामनेे आया कि यह आरोपित नशे का आदी था। आये दिन उसके व प्रेमलता के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा-फसाद होता रहता था। इसे लेकर वह,प्रेमलता से पिंड छुड़ाना चाहता था। उसने प्रेमलता की हत्या की योजना बना ली थी और मौके की इंतजार में था। 

शहर से बाइक पर बैठाकर ले गया पहाड़ी तक
प्रेमलता की हत्या को अंजाम देने के इरादे से आरोपित दौलत सिंह 22 जून की शाम को प्रेमलता को शहर से बाइक पर बैठाकर मानपुरा मोड़ पर ले गया। योजना के मुताबिक, वहां से वह प्रेमलता को पहाड़ी पर सुनसान जगह ले गया, जहां  दौलत सिंह ने प्रेमलता की गला दबाकर पहले हत्या कर दी। शव की पहचान न हो सके, इसके लिए उसने प्रेमलता का चेहरा पत्थर से बर्बर तरीके से कुचल दिया। दौलत सिंह इतना शातिर है कि कत्ल के बाद वह अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त हो गया।  

पुलिस ने कातिल तक पहुंचने के ये किये प्रयास
प्रथम दृष्टया यह मामला ब्लाईन्ड मर्डर का होकर गंभीर प्रवृत्ति का अपराध होने से विशेष टीम गठित की गई। टीम ने  पूर्व के हत्या, चोरी, लूट, डकैती, नकबजनी व चालानशुदा अपराधियों से गहन पूछताछ की ।  भीलवाडा शहर, माण्डल बनेडा, रायला, आदि थाना क्षेत्रों के सैकडो सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से अवलोकन किया गया।  तकनीकी सहायता से हजारो मोबाईल नम्बरो का अवलोकन किया गया। आसूचना संकलित कर मुखबिर लगाये गये। इसके चलते दौलत सिंह संदेह के घेरे में आया। उसकी तलाश में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर दबिश दी गई। अथक प्रयास के बाद 12 घंटे में ही पुलिस ने दौलत सिंह को दबोच लिया।  

पुलिस की इस टीम के प्रयास लाये रंग
 ब्लाईन्ड मर्डर  तथा महिला से संबंधित होकर गंभीर प्रवृति का अपराध होने और इस प्रकार के जघन्य अपराधो से कानून व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पडऩे की आशंका के मध्यनजर जिला पुलिस अधीक्षक  आदर्श सिद्धू  के निर्देशानुसार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सेक्टर शाहपुरा, चंचल मिश्रा,  पुलिस उप-अधीक्षक , वृत्त माडल  कन्हैयालाल के निकट सुपरविजन में बनेडा एसएचओ राजेन्द्र ताडा के नेतृत्व में सर्किल की टीम गठित की गई। टीम में थानेदार विनोद कुमार,  मोतीलाल रायका, एएसआई सुरेश कुमार, आशीष कुमार, दीवान गणपत सिंह, रामेश्वर लाल,  कांस्टेबल दीपक कुमार, दीवान जयसिंह,  मुकेश कुमार, सीताराम, शंकरलाल, विक्रमसिंह, रमेश विश्नोई , रामसुख, जगदीश , बनवारी लाल,  मुकेश कुमार,  सुरेन्द्र सिंह , जगदीश, मोती लाल,,नारायण लाल, राजेन्द्र व नरपतसिंह ।  

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