पायलट के गढ़ से दस सितंबर को दलित वोट बैंक को साधेंगी प्रियंका, जानें दौरे का किन सीटों पर होगा असर
राजस्थान चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे सभी पार्टियां भी अपना दमखम दिखाने में जुटी हुई हैं। राजस्थान में चुनाव प्रचार का सिलसिला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के नेता जोरआजमाइश में लगे हैं।
कांग्रेस पार्टी में राजस्थान में टिकट किसे मिले इसके लिए कई चरणों में मंथन चल रहा है। चुनाव के लिए नेताओं के दौरे भी लगाता बढ़ते जा रहे हैं। पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में जनसभा की और अब दस सितंबर को प्रियंका गांधी राजस्थान के टोंक जिले की निवाई विधानसभा में जनसभा करने आ रहीं हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा दस सितंबर से सचिन पायलट के गढ़ यानी टोंक विधानसभा सीट से चुनावी सभा की शुरुआत करेंगी। साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
कांग्रेस ने अपनी प्रमुख चुनाव कमेटियों की घोषणा कर चुकी है
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस ने अपनी प्रमुख चुनाव कमेटियों की घोषणा कर चुकी है। गोविंद राम मेघवाल को कैंपेन कमेटी प्रमुख बनाया गया है। वहीं, सीपी जोशी को घोषणापत्र कमेटी की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस कोर कमेटी में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी शामिल हैं। राजस्थान में अभी चुनाव प्रचार का एलान नहीं हुआ है. राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा है।
दलित कोर वोट बैंक को साधने के प्रयास
ऐसे में प्रियंका गांधी का अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निवाई विधानसभा में दौरा बता रहा है कि पार्टी सबसे पहले अपने दलित कोर वोट बैंक को साधने के प्रयास में है। साथ ही अपनी जीती हुई सीटों को और मजबूत करना चाहती है। वैसे भी सचिन पायलट को प्रियंका गांधी का नजदीकी माना जाता है। अब 10 सितंबर को होने वाली प्रियंका गांधी की रैली में होस्ट की भूमिका में दिखेंगे। कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों की लिस्ट को फाइनल किया जा रहा है। लिस्ट फाइनल नहीं हुई है। बता दें कि सूबे में चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही कांग्रेस एक्शन में आ गई है।
कोर कमेटी की पहली बैठक प्रस्तावित
9 सितंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई कोर कमेटी की पहली बैठक प्रस्तावित है। इस कोर कमेटी का कन्वीनर सुखजिंदर सिंह रंधावा होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, सीडब्ल्यूसी सदस्य भंवर जितेंद्र, सचिन पायलट, हरीश चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, मोहन प्रकाश और सीपी जोशी के साथ ही कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल को भी इसमें रखा गया है।
सीटों को गणित
निवाई सीट पर प्रियंका का दौरा टोंक और जयपुर की विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालेगा। 2018 में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। टोंक जिले में टोंक, देवली उनियारा, निवाई और मालपुरा चार विधानसभा सीटें आती हैं। कांग्रेस पार्टी का इस समय मालपुरा को छोड़कर बाकी तीनों सीटों पर कब्जा है। साथ ही प्रियंका गांधी का ये दौरा अब सीधे तौर दस जिलों पर असर डालने वाल है। कारण ये कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार नए जिले भी बना दिए हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी जनता से इन नए 6 जिलों का बखान जरूर करेंगी।