निकली शोभायात्रा, मातृशक्ति ने दिया मंगल संदेश

निकली शोभायात्रा, मातृशक्ति ने दिया मंगल संदेश
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राजसमंद (राव दिलीप सिंह ) हिंदू नव वर्ष पर मंगलवार को शहर में श्रद्धा और उल्लास के साथ शोभायात्रा निकाली गई शोभायात्रा में भजनों की धुन पर बच्चों से लेकर युवा जमकर झूम रहे थे हाथों में भगवा झंड़े लिए भगवान राम के नारे लगाते हुए चल रहे थे शोभायात्रा में ऊंट घोड़े और बग्गीयों पर देवी देवताओं, महापुरुषों की झाँकीयो व चारभुजानाथ के कई वैवाण के साथ अलग-अलग स्वरूपों और मंदिरों की सुंदर झांकियां विराजित थी व घोड़े पर राम, लक्ष्मण व सीता की विशेष सजीव झांकी आकर्षण का केंद्र रही। शहर की सड़कों पर एक साथ हजारों महिलाएं लाल चुनरी साड़ी धारण किए सर पर कलश लिए निकली तो उनके पीछे पुरुषों व युवाओं की अलग-अलग टोलियां हाथों में भगवा लिए गगनभेदी जय घोष करते चल रहे थे। शोभायात्रा दीनदयाल उपाध्याय सर्कल राजनगर से प्रारंभ होकर सदर बाजार, ढाणी चबूतरा, गणेश चौक, किशोर नगर, जलचक्की, बस स्टैंड, चौपाटी, जेकेमोड होते हुए कांकरोली द्वारकेश वाटिका पहुँच धर्मसभा में तब्दील हुई। धर्मसभा को महंत स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती कैलाश टेकरी खमनोर ने संबोधित किया। मंच पर संत बिहारीदास महाराज, संत रामदास महाराज, द्वारिकाधीश मंदिर के सहायक अधिकारी विनीत सनाढ्य के साथ बिनोल के शहिद नारायण लाल गुर्जर की विरांगना मोहनी देवी गुर्जर व नववर्ष समारोह समिति के प्रभुलाल घुमंतू आसीन थे। शोभायात्रा का जगह जगह विभिन्न समाज व संगठनो द्वारा पुष्पवर्षा व पेयजल, शरबत, छाछ, फ्रूटी वितरित के साथ स्वागतद्वार लगा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में राजसमंद शहर के ओड समाज चारभुजा मंदिर, सेवाली चारभुजा मंदिर, बड़ा चारभुजा मंदिर, मालीवाडा चारभुजा मंदिर, नंदवानवास चारभुजा मंदिर, भोईवाड़ा चारभुजा मंदिर,  मालनिया चौक चारभुजा मंदिर, चवरा कुमावत समाज चारभुजा मंदिर के वैवाण शोभायात्रा में रहे।

जो परायों की तारीखों पर भरोसा करता है वह गुलाम बन जाता है- महंत ज्ञानानंद

यदि हमें गर्व से जीने की भावना जगानी है, अपने हृदय में देशभक्ति का बीज बोना है तो हमें हिन्दू राष्ट्रीय कैलेंडर तिथियों का आश्रय लेना होगा। जो परायों की तारीखों पर भरोसा करता है वह गुलाम बन जाता है और आत्म-सम्मान खो देता है उक्त विचार महंत स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती कैलाश टेकरी खमनोर ने धर्मसभा में व्यक्त किये। उन्होंने अपने उद्धबोधन में बताया कि यह तथ्य केवल तिथि का नहीं है यह इस धरा को संस्कृति, रीती-रिवाज, परम्परा, जलवायु आदि का मार्मिक परिवर्तन है। यह दुनिया का सबसे प्राचीनतम तरीका है नववर्ष मनाने का जो पूरी तरह खगोलीय एवं वैज्ञानिक है। यहाँ तक कि 1752 तक इंग्लैंड भी 25 मार्च को नववर्ष मनाता रहा है।

ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। धार्मिक परंपराओं के साथ सांस्कृतिक संबद्धता का सम्मान भी सर्वोपरि है। संस्कारों को सार्थक करने की ऐसी पहल बदलते दौर में इसलिए भी आवश्यक हो गई है ताकि मूल्यों और मान्यताओं को लेकर युवा पीढ़ी का विश्वास बना रहे। यह न केवल एक नया साल है, बल्कि यह नवीनता, समृद्धि और उम्मीद का भी प्रतीक है। यह नया साल नए लक्ष्य निर्धारित करने और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाने का अवसर प्रदान करता है। हिंदू नव वर्ष न केवल एक नया साल है, बल्कि यह आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार का समय भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर आदि शक्ति प्रकट हुई थी।

इनकी रही गरिमामयी उपस्थिति

शोभायात्रा में आयोजन सह सयोजक मीठालाल शर्मा, फतहचन्द शामसुखा, मांगीलाल कुमावत, हरकचंद मंत्री, लिलेश खत्री, ललित साहू, प्रकाश जोशी, रमेश पालीवाल, गिरिराज श्रीमाली, महेंद्र कोठारी, सतीश आचार्य, कैलाश जोशी केलवा, सभापति अशोक टांक, पूर्व पालिका अध्यक्ष दिनेश पालीवाल, अशोक रांका, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, सुरेश पालीवाल, पार्षद आशीष पालीवाल, नीलेश पालीवाल, हेमंत रजक,  सूर्यप्रकाश जांगिड़, उत्तम खिंची, मुरली भोई, प्रकाश प्रजापत, मोहन कुमावत,  अनिल खंडेलवाल, रमेश वैष्णव, मनोज पारिख, सुशील बडाला, सुरेश सोनी, मानसिंह बारठ, नर्बदा शंकर पालीवाल, रामलाल जाट, संदीप शामसूखा, खुशकमल कुमावत, डालचंद कुमावत, छोटू माली, प्रदीप खत्री, प्रहलाद वैष्णव, आनंद पालीवाल, परमानंद पालीवाल, लोकेश जावद, कमलेश कोठारी, रतन तेली, गिरीश साहू, सोनिका सोनी, सोना सिंह राव, कौशल्या पालीवाल, वर्धिनी पुरोहित, टीना पालीवाल, पूजा बंग, पूजा पालीवाल, चेतना राठौड़, बिंदिया चौधरी, सोनम गुप्ता, पूजा गुर्जर सहित विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सेविका समिति, मातृशक्ति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, वनवासी कल्याण परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा, हिंदू जागरण मंच, सेवा भारती, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, किसान संघ, क्रीड़ा भारती, सहकार भारती, लघु उद्योग भारती, स्वदेशी जागरण मंच, भारत विकास परिषद, राष्ट्रीय सिख संघ व कई समाज बंधु उपस्थित थे। 

शोभायात्रा में 21 से अधिक विभिन झाँकीया शामिल

दीनदयाल उपाध्याय सर्कल से निकली शोभायात्रा में 21 से अधिक झाँकीया को शामिल किया गया। सामाजिक संगठनों व विद्यालयों की और से झाँकीया को तैयार किया गया था। शोभायात्रा में शामिल कलश यात्रा के लिए महिलाओं को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजनगर में कलश वितरित किये गए। यहाँ पर कलश वितरण के बाद विशाल कलश यात्रा मुख्य शोभायात्रा में शामिल हुई।

धर्मसभा के बाद महाप्रसाद वितरण

द्वारकेश वाटिका कांकरोली में आयोजित धर्मसभा के बाद मुख्य द्वार पर महाप्रसाद पैकेट का वितरण किया गया। नववर्ष समारोह समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि कुल 2 क्विंटल प्रसाद तैयार किया गया। शोभायात्रा व धर्मसभा को सामाजिक संगठनों, व्यायामशाला व अखाड़ों के युवाओं ने अनुशासित रूप से संभाले रखा।

भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

शोभायात्रा के चलते शहर में चप्पे चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात था। कानूनी व्यवस्थाओं को लेकर एएसपी महेंद्र पारिख, डीएसपी विवेकसिंह, सीआई योगेश चौहान, हनवंतसिंह सौढ़ा, संगीता बंजारा, पुष्पेंद्रसिंह, यातायात प्रभारी सुरेशचंद्र सहित कई अधिकारी मोर्चा संभाले हुए थे।

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