नए संसद भवन पर ही उठाए सवाल, सांसदों ने पूछा- दर्शक दीर्घा की ऊंचाई कम क्यों?
संसद पर हुए हमले की बरसी पर एक बार फिर सुरक्षा की बड़ी चूक सामने आई है। दर्शक दीर्घा से जिस तरीके से युवक चल रहे सदन के दौरान दर्शक दीर्घा से नीचे कूद कर सनसनी फैला दी। उससे सुरक्षा व्यवस्था पर तो सवाल उठे ही लेकिन सांसदों ने संसद की नई बिल्डिंग से लेकर दर्शक दीर्घा पर सवाल उठा दिए। संसद की नई बिल्डिंग को लेकर पहले से भी कई नेता सवालिया निशान उठाते रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर नई संसद में दर्शक दीर्घा की ऊंचाई पुरानी बिल्डिंग की तुलना में कम क्यों रखी गई है।
घटना के बाद संसद भवन के परिसर में ही सुरक्षा पर तमाम तरह के सवालिया निशान उठाने शुरू कर दिए। समाजवादी पार्टी के सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि जिस तरीके की घटना हुई वह दुखद है। बेपरवाह सुरक्षा इंतजामों के चलते किसी भी तरीके की बड़ी घटना हो सकती थी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी तरह की दर्शक दीर्घा में अब सुरक्षा के इंतजाम ही नहीं है। रामगोपाल यादव कहते हैं कि कुछ समय पहले तक दर्शक दीर्घा में सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे। जो कि किसी भी तरीके की हलचल पर नजर रखते थे। बुधवार को हुई घटना बताती है कि दर्शक दीर्घा में सुरक्षा के इंतजाम कितने नाकाफी है।
इस दौरान परिसर के भीतर कहीं सांसदों ने दर्शक दीर्घा और सांसदों के बैठने के बीच की दूरी भी कम होने की बात कही। सांसदों ने बुधवार को हुई घटना के बाद कहा की पुरानी बिल्डिंग में दर्शक दीर्घा और सांसदों के बैठने की बीच की ऊंचाई इतनी ज्यादा थी कि किसी के लिए कूदना बहुत मुश्किल था। लेकिन नई बिल्डिंग में ऐसा नहीं है। इस वजह से यह बेहद रिस्की है।
इस दौरान सुदीप बंदोपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि सांसदों की सुरक्षा और प्रवेश द्वार पर भी लगी हुई भीड़ बताती है की कितनी लापरवाहियां हो रही है। जबकि परिसर के भीतर कुछ सांसदों ने तो फिर पुरानी मांग को दोहराते हुए सेंट्रल हॉल न होने की बात कही और घटना के पीछे नई संसद बिल्डिंग को ही दोषी ठहरा दिया है।
बहुजन समाज पार्टी से निलंबित हुए सांसद दानिश अली कहते हैं कि जिस तरीके की घटना बुधवार को सदन में हुई वह बेहद हैरान करने वाली है। उनका कहना है कि यह बताता है कि किस तरीके की सुरक्षा व्यवस्थाएं होनी चाहिए। लेकिन सिक्योरिटी के लिए कोई भी इंतजामात नहीं हैं।
दानिश अली कहते है कि चलते हुए सदन में दर्शक दीर्घा से किसी भी व्यक्ति का ऊपर से नीचे कूद जाना किसी भी तरीके की बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था। बसपा के ही सांसद मलूक नागर कहते हैं कि इस पूरी घटना के दौरान यह देखा जाना जरूरी है कि सांसदों के बैठने की जगह के बिलकुल ऊपर दर्शक दीर्घा कितनी सुरक्षित है।
सदन के भीतर हुई इस घटना से पहले ट्रांसपोर्ट भवन के बाहर संसद भवन के गेट के पास भी दो लोग आतिशबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को सुरक्षा के प्रति गंभीर होने का आश्वासन दिया और कहा कि सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस गहन पड़ताल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है, लेकिन फिलहाल सांसदों की सुरक्षा को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम सब की चिंता थी कि वह धुआं क्या था, प्राथमिक जांच में वह साधारण धुआं है। उसकी चिंता की जरूरत नहीं, उसकी प्रारंभिक जांच की गई है। फिलहाल, इस घटना के लिए कोई किसी को दोषी नहीं ठहरा रहा।