रवांडा नरसंहार की 30वीं बरसी पर एकजुटता दर्शाने के लिए कुतुब मीनार को रोशनी से जगमग किया

रवांडा नरसंहार की 30वीं बरसी पर एकजुटता दर्शाने के लिए कुतुब मीनार को रोशनी से जगमग किया
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नयी दिल्ली | वर्ष 1994 के रवांडा नरसंहार की 30वीं बरसी पर वहां के लोगों के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए भारत ने रविवार को ऐतिहासिक कुतुब मीनार को रोशनी से जगमग किया।

यूनेस्को की धरोहर स्थल सूची में शामिल दक्षिणी दिल्ली स्थित मीनार को रवांडा के झंडे के रंगों में रोशन किया गया।

 विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रवांडा के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारत ने आज कुतुब मीनार को रोशन किया, जो रवांडा में तुत्सी लोगों के खिलाफ 1994 के नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय चिंतन दिवस का प्रतीक है। सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने आज नरसंहार की 30वीं बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में किगाली में भारत का प्रतिनिधित्व किया।’’

 उन्होंने देर रात किए गए पोस्ट में कुतुब मीनार की एक तस्वीर और रवांडा की राजधानी किगाली में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सचिव (आर्थिक संबंध) रवि की एक तस्वीर भी साझा की।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि रवि रवांडा की अपनी यात्रा के दौरान सात अप्रैल को 1994 के रवांडा नरसंहार (क्विबुका 30) की 30वीं बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।

फरवरी 2017 में रवांडा दौरे के दौरान तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किगाली नरसंहार स्मारक पर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी थी।

अंसारी ने स्मारक को अदम्य राष्ट्रीय भावना का प्रमाण बताया था जो नरसंहार के दौरान मारे गए ढाई लाख से अधिक लोगों की याद दिलाता है।

यह स्मारक 1994 में हूती बाहुल्य सरकार के सदस्यों द्वारा रवांडा में तुत्सी लोगों के सामूहिक नरसंहार की याद दिलाता है। यह स्मारक 2004 में सरकार, किगाली के लोगों और एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट के सामूहिक प्रयास से निर्मित किया गया था।

अंसारी ने आगंतुक पुस्तिका में अपने संदेश में लिखा था कि, ‘‘इस स्मारक की यात्रा एक मार्मिक अनुभव है। भारत के लोगों और अपनी ओर से मैं रवांडा के लोगों द्वारा नफरत को पीछे छोड़कर मेल-मिलाप और समावेशन के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए दिखाई गई भावना एवं साहस को सलाम करता हूं। यह अदम्य राष्ट्रीय भावना का प्रमाण है।’’

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