राहुल ने अदाणी को लेकर फोड़ा नया बम, क्यों कहा कि खतरे में है भारत का मिसाइल एवं रडार सिस्टम

राहुल ने अदाणी को लेकर फोड़ा नया बम, क्यों कहा कि खतरे में है भारत का मिसाइल एवं रडार सिस्टम
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राहुल गांधी ने बुधवार को स्वदेश लौटते ही अदाणी समूह को लेकर एक नया बम फोड़ दिया है। उन्होंने भारत के मिसाइल और रडार अपग्रेड अनुबंध को लेकर किए अपने ट्वीट में केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की है। राहुल गांधी ने लिखा, भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कांट्रैक्ट, अदाणी के स्वामित्व वाली एक कंपनी एवं संदिग्ध विदेशी संस्था 'इलारा' को दिया गया है। राहुल ने सवाल करते हुए लिखा, 'इलारा को कौन नियंत्रित करता है'। अज्ञात विदेशी संस्थाओं को देश के रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एक राष्ट्रीय अखबार की खबर का हवाला दिया है।

अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉरीशस की कंपनी 'इलारा कैपिटल' अदाणी डिफेंस फर्म में सह मालिक है। इस कंपनी के बारे में बताया जाता है, यह कंपनी अदाणी समूह के मुख्य निवेशकों में से एक है। ये वही कंपनी है, जिसका पिछले दिनों हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में भी नाम देखने को मिला था। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर बजट सत्र के पहले चरण में संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ था। अब दूसरे चरण के सत्र में भी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस एवं दूसरे विपक्षी दलों द्वारा अदाणी मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग की जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी डिफेंस फर्म 'एल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (एडीटीपीएल) में इलारा कंपनी सह-मालिक है। इलारा का अदाणी समूह की तीन कंपनियों में लगभग 9000 करोड़ रुपये का निवेश बताया जाता है। यह पार्टनरशिप, दिसंबर 2022 तक इसके कुल कॉपर्स का 96 फीसदी है। इलारा कंपनी का अदाणी एंटरप्राइजेज में 1.6 फीसदी, अदाणी ट्रांसमिशन में 3.62 फीसदी और अदाणी टोटल में 1.62 फीसदी हिस्सेदारी बताई गई है।


खबर के मुताबिक, इससे पहले भी 'इलारा' की हिस्सेदारी, अदानी पोर्ट्स और अदाणी ग्रीन में रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की वह रिपोर्ट, जिस पर भारतीय संसद में आज भी गतिरोध जारी है, उसमें इलारा कैपिटल के वित्तीय स्रोत पर सवाल उठाए गए थे। बुधवार को विपक्षी दलों ने अदाणी मामले की जांच के लिए संसद भवन से लेकर ईडी दफ्तर तक मार्च निकालने का प्रयास किया। हालांकि उसे बीच रास्ते में ही रोक दिया गया। बाद में कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने चार पन्नों का एक पत्र ईडी को ईमेल कर दिया। इस पर दर्जनों सांसदों के हस्ताक्षर थे।

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