रात 9 बजे बाद बंधे रक्षा सूत्र, गुरुवार को भी मनाया जाएगा रक्षाबंधन,
भीलवाड़ा हलचल भद्राकाल के बाद आज 2 घंटे की अवधि में बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बना वही भाइयों ने बहनों को श्रद्धा अनुसार गिफ्ट भेंट किये और रक्षा का वचन दिया। वैसे तो भारत चांद पर पहुंच चुका है और भद्रा काल को कई लोगों ने अन्य देखा करते हुए दिन में भी रक्षा सूत्र बांधे। पंडितों के अलग-अलग राय के चलते सुबह कुछ समय भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया।
रक्षाबंधन के पर्व को लेकर ऊपर की स्थिति कई दिनों से बनी हुई थी लेकिन भीलवाड़ा में आज रक्षाबंधन का पर रात 9:00 बजे बाद धूमधाम के साथ मनाया गया है बहनों ने भाइयों की कलाई पर सुरक्षा कवच बांधा, तो भाइयों ने सुरक्षा का वादा किया सुबह से ही आज मिठाई नारियल और राखियां खरीदने के लिए बाजार में बहनों की भीड़ लगी रही अलग-अलग डिजाइन और रूप रंग के रक्षा सूत्र बहनों ने खरीदे।
जानें राखी से जुड़े नियम
शास्त्रों में राखी बांधने से लेकर उतारने तक के नियम बताए गए हैं। आइए जानते है रक्षाबंधन चले जाने के बाद राखी का क्या करना चाहिए।
- यदि राखी उतारते समय वह टूट जाए तो आप इसे एक रूपये के सिक्के के साथ किसी पेड़ के नीचे रख दें।
- राखी के बाद आप इसे अपनी बहन के सामान के पास रख सकते हैं जैसें किसी तस्वीर या कोई सजावटी सामान के पास।
- राखी को कलाई से उतारते समय उसे तोड़े नहीं, बल्कि इसे सही तरीके से कलाई से उतारना चाहिए ।
- आप रक्षाबंधन के बाद राखी को सुरक्षित तरीके से बहते जल में प्रवाहित कर दें।
05:58 PM, 30-AUG-2023
रक्षा बंधन रक्षा के संकल्प का पर्व है
रक्षाबंधन का त्योहार प्रेम के साथ स्नेहबंधन व रक्षा के संकल्प भाव को लेकर आता है। यह त्योहार राखी यानी रक्षा सूत्र बिना पूरा नहीं होता और यह राखीरूपी रक्षासूत्र तब अधिक प्रभावशाली हो जाता है, जब यह मंत्रों के साथ बांधा जाता है। रक्षासूत्र बांधने का प्रसिद्ध मंत्र है -
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
किस कलाई में बांधे राखी
शास्त्रों के अनुरूप पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बाँधना चाहिए एवं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधने का विधान है। कलावा बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी को बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखना चाहिए। कलावे का बांधा जाना हमें उस संकल्प को याद करते रहना तथा उसकी पूर्ति के लिए प्रयास करते रहना सिखाता है । मनोवैज्ञानिक दृष्टि से हाथ में कलावा बंधे होने से व्यक्ति को स्वयं ही परमात्मा द्वारा अपनी रक्षा होने का आभास होता है। जिससे मन में शांति व आत्मबल में वृद्धि होती है। व्यक्ति के मन -मस्तिष्क में बुरे विचार नहीं आते ।
राखी बांधते समय इस मंत्र का जरूर करें जाप
रक्षाबंधन पर भद्रा काल का अशुभ छाया पड़ने के कारण आज दिनभर राखी नहीं बांधी जा सकती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राखी को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र का रंग लाल, पील और सफेद रंग का होना चाहिए। वहीं काले और नीले रंग की राखियों से बचना चाहिए। इसके अलावा राखी बांधते समय शास्त्रों में वर्णित मंत्रों का जाप अवश्य ही करना चाहिए।
राखी बांधने का मंत्र- येन बद्धो बलि राजा, दानवेंद्रो महाबल:। तेन त्वाम रक्ष बध्रामि, रक्षे माचल माचल:।।
10:16 AM, 30-AUG-2023
Raksha Bandhan 2023 Muhurat Time : आज नहीं तो कल कब तक बांधी जा सकती है राखी
आज रक्षाबंधन का पर्व है, लेकिन श्रावणी पूर्णिमा 2 दिन तक रहने और 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा काल के चलते राखी बांधने को लेकर कुछ भ्रम किस स्थिति बनी हुई है। लोगों के मन में विचार आ रहा है कि राखी आज मनाएं या कल। हिंदू पंचांग के अनुसार राखी का त्योहार सावन पूर्णिमा तिथि और इस तिथि पर भद्रा काल के लोप में दोपहर के समय मनाना शुभ माना गया है। लेकिन किस वर्ष 30 अगस्त को जैसे ही पूर्णिमा तिथि लगेगी वैसे ही भद्रा भी शुरू हो जाएगी। 30 अगस्त को भद्रा पूरे दिन रहेगी फिर रात 09 बजकर 01 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इस तरह से रात के 9 बजे के बाद राखी बांधी जा सकती है। वहीं 31 अगस्त को पूर्णिम तिथि सुबह 07 बजकर 7 मिनट पर खत्म हो जाएगी ऐसे में कल सुबह 7 बजे से पहले राखी बांध सकते हैं।