तीस साल बाद इस राम नवमी पर पांच विशेष संयोगों में प्रकट होंगे राम लल्ला – डॉ मृत्युञ्जय तिवारी
निंबाहेड़ा | चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ही भगवान राम ने धरती पर अवतार लिया था, इसलिए इस दिन को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का नौंवा दिन है। इस दिन नवरात्रि व्रत का समापन हो जाएगा और व्रत का पारण किया जाएगा। इसी दिन राम नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि वाल्मीकि रामायण और तुलसी राम चरित मानस में वर्णन है कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को ही भगवान राम ने धरती पर अवतार लिया था, इसलिए इस दिन को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान राम की विशेष आराधना की जाती है। घरों में और मंदिरों में विशेष आयोजन होते हैं। इस साल राम नवमी पर 5 विशेष योग का संयोग बन रहा है। राम नवमी पर इस बार 5 शुभ योगो में गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरुवार का संयोग बन रहा है। राम नवमी के दिन इन पांचों योग के होने से श्रीराम की पूजा का शीघ्र फल मिलेगा। साथ ही इस दिन किए सभी कार्यों में सिद्धि और सफलता प्राप्त होगी । गुरु पुष्य योग - 30 मार्च 2023, 10.59 - 31 मार्च 2023, सुबह 06.13, अमृत सिद्धि योग - 30 मार्च 2023, 10.59 - 31 मार्च 2023, सुबह 06.13, सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन एवं रवि योग - पूरे दिन रहेगा। गुरुवार – श्रीराम भगवान विष्णु के 7 वें अवतार हैं और गुरुवार का दिन विष्णु जी को अति प्रिय है। ऐसे में राम जन्मोत्सव गुरुवार के दिन होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि राम नवमी का शास्त्रों में विशेष महत्व माना गया है । राम नाम में ही इतनी शक्ति है कि अगर व्यक्ति इस नाम का जाप करता रहे तो वो मोक्ष प्राप्त कर सकता है । ऐसे में राम नवमी तो भगवान राम का विशेष दिन है । इस दिन प्रभु श्रीराम की पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है । प्रभु की सच्ची पूजा से तमाम बुरे कर्म कट जाते हैं । जीवन के दुख, कष्ट और घर के संकट दूर होते हैं ।सच्चे दिल से की गई पूजा आपकी मनोकामना को पूरा करती है। राम नवमी पूजा विधि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें । इसके बाद एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर प्रभु श्रीराम की तस्वीर स्थापित करें । इस तस्वीर को ऐसे रखें की पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा में रहे । पंचामृत से प्रभु का अभिषेक करें। उन्हें धूप, दीप, पुष्प, रोली, चंदन, अक्षत, वस्त्र, कलावा, भोग आदि अर्पित करें । प्रभु श्रीराम के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें। इसके बाद रामचरितमानस, श्रीराम रक्षा स्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, राम जी के मंत्रों का जाप आदि करें । प्रेमपूर्वक आरती करें और शाम के समय राम जी के भजन आदि करें। इससे आपके घर की नकारात्मकता दूर होगी । प्रभु की कृपा से बिगड़े काम भी बनने शुरू हो जाएंगे ।