राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शहर में निकाला गुणवत्ता पथ संचलन
चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिले का गुणवत्ता पथ संचलन रविवार को नगर में चामटीखेड़ा चैराहा स्थित भरत बाग से निकाला गया जिसको पिनाक नाम दिया गया। पिनाक शंकर जी के दिव्य धनुष का नाम है, जिसका निर्माण देवशिल्पी विश्वकर्मा ने किया था। यह धनुष राजा जनक के पास धरोहर के रूप में रखा हुआ था। इसी धनुष को श्रीराम ने तोड़कर सीता जी से विवाह किया था। पथ संचलन में पूर्ण गणवेश में जिले के सैकड़ों स्वंयसेवकों ने कदम से कदम मिलाकर भाग लिया। एक लय में बजते घोष की ताल पर एक साथ उठते कदम, घोष दंड के हरकतों से ही पूरी कतार पर नियंत्रण और समय की पाबंदी देख लोग आश्चर्यचकित हो गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने नगर में गुणवत्ता पथ संचलन निकाला।घोष की ध्वनि ने शहर वासियों में जोश भर दिया जहाँ-जहाँ से भी संचलन निकला पूरे रास्ते मे माहौल जय शिवा सरदार की-जय राणा प्रताप की, वंदे मातरम, भारत माता की जय आदि राष्ट्र भक्ति के उद्घोषों से गूंज उठा। संचलन का जगह-जगह मार्गो व चैराहे पर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। संघ का पथ संचलन जहां-जहां से गुजरा वहां नगर वासियों ने संघ के अनुशासन व समय पालन की प्रशंसा की। संघ का गुणवत्ता पथ संचलन संघ के ही घोष अथवा बैंड द्वारा चलता है । इस घोष में आनाक,प्रणव, बांसुरी, नागाग,तूर्य,स्वरद,झलरी, त्रिभुज आदि वाद्य यंत्र शामिल है। इस संचलन में एक घोष दल शामिल था जिसको घोष प्रमुख घोष दंड से निर्देशन दे रहे थे । यह घोष पूरे संचलन में शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। संचलन का विभिन्न समाजों ,सामाजिक संगठनों, व्यापार संघ, छात्र संगठन तथा अनेक नगर वासियों ने संचलन का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। पथ संचलन शहर के परशुराम चैराहा, कलेक्ट्रेट चैराहा, रोडवेज बस स्टैंड, आजाद मठ, सुभाष चैक, गोल प्याऊ, सहकार सर्कल, छत्रपति शिवाजी, महाराज सर्कल होते हुवे पुनः भरत बाग आकर समाप्त हुवा। राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक अनिरुद्ध सिंह भाटी ने बताया कि संचलन से पूर्व कार्यक्रम के बौद्धिक सत्र में चित्तौड़ प्रान्त के सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख व कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ.भारतभूषण ने तीन बातों पर जोर देकर कहा कि सामाजिक समरसता, सामाजिक सुरक्षा व सामाजिक संबल पर विशेष रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि हमें व्यापार केवल भारत माता की जय करने वालों के साथ ही करना चाहिए और सेना के जवानों का साथ देने वालों के साथ ही करना चाहिए। जिले के गुणवत्ता पूर्ण संचलन के निमित्त गुणवत्ता से परिपूर्ण अनुशाषित तरीके से संचलन के विषय में बताया कि सभी चयनित स्वयंसेवको द्वारा एक साथ हाथ से हाथ, कदम से कदम मिलाकर चलने से समरसता का भाव निर्माण होता हैं, सामाजिक समरसता के बारे में उन्होंने कहा कि हमारा अभी एक मंदिर, एक शमशान, एक कुवे की योजना चल रही है जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही यह काम भी पूर्ण होना चाहिए।