दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत बढ़ाई

दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत बढ़ाई
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दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को राहत मिली। शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत एक सितंबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर 24 जुलाई को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जैन को अंतरिम जमानत दे दी थी। इस मामले में पिछली सुनवाई 10 जुलाई को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने उनकी जमानत 24 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी थी।

पहले मिली थी 42 दिन की जमानत
इसके पहले 26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कंडीशन के आधार पर उन्हें छह हफ्ते की जमानत दी थी। 11 जुलाई को उनकी जमानत का आखिरी दिन था। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था- जैन प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, लेकिन किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे। न ही दिल्ली के बाहर जाएंगे। जो भी इलाज करवा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट 10 जुलाई तक पेश करें।

गौरतलब है कि जैन 31 मई 2022 से हिरासत में थे। छह अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जहां से उन्हें 360 दिन बाद 42 दिन की जमानत मिली थी।

 

25 मई की सुबह आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के वॉशरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। जिसके बाद उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती किया गया था। दोपहर में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (LNJP) में शिफ्ट कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। एक हफ्ते में यह तीसरा मौका था, जब जैन हॉस्पिटल पहुंचे थे। इससे पहले 22 मई को उन्हें दिल्ली के ही सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था। तब उन्हें रीढ़ की हड्डी में परेशानी आई थी। 20 मई को भी वो इसी परेशानी के चलते दीनदयाल अस्पताल लाए गए थे।


सत्येंद्र जैन पर मनी-लॉन्ड्रिंग का है मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 अगस्त 2017 को सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को आधार बनाकर जैन के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थीं। जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। उनके साथ पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

 

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