सत्संगियों का बवाल: मासूमों को ढाल बनाकर पथराव... बच्चों, किशोरों और महिलाओं को किया आगे, डर से फफक पड़ी बच्ची
संयम, धैर्य और सत्संग। इनको मानने वाले सत्संगियों ने जमीन के लिए सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी। मासूमों को ढाल बनाकर पुलिस-प्रशासन पर पथराव किया। उनका यह रूप देख लोग अचंभित दिखे। लोगों ने कहा कि ये कैसे अनुयायी हैं, जिनके लिए जमीन से सस्ती मासूमों, महिलाओं की जान है।
चर्चा के मुताबिक रात में ही तय हुआ कि बच्चे, छात्र-छात्राएं, महिलाओं को आगे रखकर पीछे से सत्संगी मोर्चा लेंगे। हुआ भी यही, जब शाम को फोर्स गेट हटाने पहुंची। बवाल बढ़ने पर कुछ महिलाएं, बच्चे दहशत में आ गए और रोने लगे।
आठ साल की बच्ची भयभीत होकर सुबकने लगी। उसके सिर पर पर भी डंडा लग गया। इसके बावजूद सत्संगियों ने बच्चों और महिलाओं को प्रदर्शन से हटने के लिए नहीं कहा और लाउडस्पीकर से मोर्चे पर डटे रहने का एनाउंस करते रहे।
पदाधिकारियों को दी थी जिम्मेदारी
सत्संगियों की रणनीति में पदाधिकारियों को बच्चे और महिलाओं को जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। कहा था कि व्हाट्सएप पर संदेश जाते ही एकजुट हो जाना है। फोर्स देख संदेश भेजते ही 10 मिनट में भीड़ जुट गई।
सत्संगियों की मंशा साफ हो गई
किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह ने कहा कि बच्चों और महिलाओं की जान जोखिम में डाल दी। इससे उनकी मंशा साफ हो गई कि इनके लिए जमीन और संपत्ति ही मायने रखती है। संस्था अपने धार्मिक निष्ठा से भटक गई है। शांति का संदेश देने वाले बने हिंसक बन गए और कइयों की जान खतरे में डाल दी।