राजसमंद के व्यक्ति से साडू ने की धोखाधड़ी, केस दर्ज

भीलवाड़ा बीएचएन। राजसमंद जिले के एक व्यक्ति के साथ उसी के साडू द्वारा धोखाधड़ी करने का मामला सुभाषनगर पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिलुंड, राजसमंद निवासी शिवशंकर खटोड़ ने खांडू कॉलोनी, बांसवाड़ा निवासी अपने साडू विनोद पुत्र मदनलाल माहेश्वरी के खिलाफ रिपोर्ट दी। शिवशंकर ने रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2012 मे युआईटी भीलवाडा की तिलक नगर योजना में भूखण्ड योजना की लॉटरी निकली थी। परिवादी ने अपने, पत्नी प्रमिला और साडू विनोद माहेश्वरी के नाम से तीन आवेदन किये थे। तीनो मे से साडू विनोद कुमार माहेश्वरी के नाम से उक्त योजना मे एक भूखण्ड तिलक नगर योजना में खुल गया। पूर्व मे निर्धारित शर्तो के अनुसार योजना में खुले भुखण्ड पर परिवादी का मालिकाना हक होना व भूखण्ड की सम्पूर्ण राशि परिवादी द्वारा जमा कराना तय हुआ था। इस कारण उसने युआईटी भीलवाडा मे निर्धारित समयावधि मे आवेदन के साथ 40,000 रूपये जमा कराये व भूखण्ड खुलने के पश्चात क्रमश: 3,89,813, 9344 रूपये सहित कुल 4,39,157 रूपये जमा कराये। इस सम्बंध मे परिवादी व विनोद में आपसी सहमति से एक ईकरारनामा 100 रूपये के स्टाम्प पर 26 अगस्त 13 को निष्पादित किया गया था। उक्त भूखण्ड का पट्टा विलेख संख्या 1892, 26 अगस्त 2013 को जारी हुआ था जो उपपंजीयक, भीलवाडा में पंजीबद्ध है। इकरारनामे के अनुसार उक्त भूखण्ड क्रय करने की समस्त विक्रय प्रतिफल राशि का भुगतान परिवादी द्वारा किया गया। इस सम्बंध मे जमा राशि की असल रसीदे, असल पटटा, रजिस्ट्री मेरे पास है। युआईटी के शर्तों के अनुसार 10 साल तक उक्त भूखण्ड की रजिस्ट्री दूसरे के नाम नही कराने का नियम था। 10 साल बाद उक्त भूखण्ड मेरे नाम से कराने हेतु मेरे द्वारा मेरे साडू विनोद माहेश्वरी से 11 मई 2023 को जरिये मोबाईल सम्पर्क किया गया तो मेरे साडू विनोद माहेश्वरी ने विश्वास में रख कर उक्त भूखण्ड नाम करा देने की कही। कुछ समय पश्चात दुबारा फोन किया तो साफ तौर से उक्त भूखण्ड की रजिस्ट्री कराने से मना कर दिया व फोन काट दिया। उसके बाद परिवादी के कई बार विनोद माहेश्वरी को फोन करने के बावजूद भी फोन अटेण्ड नही किया। परिवादी ने अपने ससुर से कहलवाया तो साडू विनोद माहेश्वरी ने रजिस्ट्री नही कराने की बात कही। वर्ष 2019 मे मेरे साडू विनोद माहेश्वरी को रूपयो की आवश्यकता होने से 2 लाख रूपये नगद दिये थे। उक्त उधार दिये गये रूपयो का तकाजा करने पर उक्त राशि भी लोटाने से मना कर दिया व उल्टा मुझे झूठे मुकदमे मे फंसाने की धमकी दी। पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
