श्री सम्मेशिखर जैन तीर्थ बचाओं आंदोलन के समर्थन में सकल जैन समाज ने दिया ज्ञापन

आकोला ( रमेश चन्द्र ड़ाड) क्षैत्रीय सकल जैन समाज द्वारा उपखण्ड मांडलगढ़ पर भव्य मोन जुलूस के रुप मे उप खण्ड कार्यालय मांडलगढ़ पहुंचकर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन देकर झारखण्ड सरकार से 20 जैन तीर्थकरों और अनन्त संतो की मोक्ष स्थली श्री सम्मेद शिखर जी पारस नाथ पर्वतराज (गिरिडिह) की स्वंतत्र पहचान,पवित्रता एवं संरक्षण हेतु विश्व जैन संगठन द्वारा देशव्यापी श्री सम्मेद शिखर जी बचाओं आन्दोलन के समर्थन मे आज माडलगढ़ तलहटी के शीतल भवन से सकल जैन समाज ने भव्य मौन जुलूस निकाल कर ज्ञापन दिया।ज्ञापन मे सकल जैन समाज ने झारखण्ड सरकार से मांग की है कि पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य,पर्यावरण पर्यटन आदि के लिए घोषित इको ससेटिव जोन के अन्तर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर,पर्यटन/ धार्मिक पर्यटन सूचि से बाहर किया जाए।
पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको संसेटिव जोन के अन्तर्गत वन्य जीव अभारण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाए।झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 2 अगस्त 2019 को अविलम्ब रद्द किया जाए।
पारसनाथ पर्वतराज और मधुवन को मांस,मदिरा ब्रिकी मुक्त कर पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए ।
पारस नाथ पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण ,वाहन संचालन अभक्ष्य सामग्री व्रिक्री मुक्त किया जाए।यात्री पंजीकरण,सामान जांच हेतु,केमरे सहित दो चैक पोस्ट,चिकित्सा सुविधा सहित किया जाए।
पेडो़ की अवैध कटाई,पत्थरो का अवैध खनन ओर महुआ के लिए आग लगाना प्रति बंधित हो।इन पांच मांगै को लेकर ज्ञापन दिया।
ज्ञापन पत्र मे लिखा कि 17 मार्च 2022 को इस सम्बंध मे केद्रिय वन मंत्रालय और झारखण्ड सरकार के लिए निर्णय को रद्द करने हेतु याचिका भेजी थी।कार्यवाही नही होने पर 26 मार्च 2022,6जून 2022,2 अगस्त 2022 को सकल जैन समाज ने देशव्यापी कदम उठाया।राष्टीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी दिनांक 24 मार्च2022भी जैन समज के उपरोक्त विषय मे पत्र लिखा गया।11दिसम्बर 2022 को नई दिल्ली मे एतिहासिक रामलीला मैदान से रैली का आयोजन कर ज्ञापन दिया गया था।आज भी मांडलगढ़ उप खण्ड पर भी तीर्थ क्षैत्र श्री सम्मेशिखर को झारखण्ड सरकार की ओर से पर्यटन केंद्र घैषित करने का विरोध करते हुए ज्ञापन के माध्यम से मांग की उक्त विषय मे संज्ञान लेकर कार्यवाही कर अल्पसंख्यक समाज के साथ न्याय करने की गुहार की गयी।ज्ञापन पत्र की प्रतिलिपी राष्टपति, प्रधान मंत्री, भुप्रेद्र यादव केद्रीय पर्यावरण ,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री,हेमंत सोरेद्र मुख्यमंत्री झारखण्ड राज्यसरकार रांची के नाम प्रेषित की।