सत्रिया ने दी शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति
चित्तौड़गढ़। स्पिक मैके द्वारा विरासत श्रृंखला के अंतर्गत असम के शास्त्रीय नृत्य सत्रिया की प्रस्तुति यूरोपियन किड्स स्कूल सेंती में हुई, जहां चेयरमैन ज्ञान सागर जैन द्वारा कलाकारों व अतिथियों का स्वागत किया। माल्यार्पण योगेश त्रिपाठी ने किया। अतिथियों व कलाकारों ने दीप प्रज्ज्वलन किया। साथी कलाकारों के रूप में खोल वाद्ययंत्र पर देबाजीत सेकिया, गायन गौतम बायन व बाँसुरी प्रसन्ना बरूआ द्वारा बजाई गयी। जे.पी. भटनागर मे बताया कि सत्रिया की अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अनवेषा महंतो द्वारा बच्चों को सत्रिया नृत्य की पहचान कराकर इतिहास बताया। 15वीं शताब्दी की कला महान संत शंकर देव की रचना इनके प्रधान शिष्य माधव देव को स्मरण करते हुए वेशभूषा, संगीत, वाद्य यंत्र व पहनावे को दर्शाया। हस्त मुद्रा के बारे में बताते हुए संस्कृत के श्लोक के साथ गुरु शंकर देव के मुख्य शिष्य माधवदेव की रचना जो सीता कल्याण में मन की बात बताई, उसने अपनी सखी द्वारा श्री राम के बारे में बताया। सखी कलावती ने राम का सुन्दर वर्णन किया। कलाकार परिचय अध्यापिका संगीता अरोरा तथाा अंत में विद्यालय प्रशासन द्वारा आभार प्रकट किया।