वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन सेमिनार सम्पन्न

वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन सेमिनार सम्पन्न
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चित्तौड़गढ़। वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन विषय पर चल रहा दो दिवसीय सेमिनार का समापन हुआ। जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने मधुमक्खी उत्पादों की संजीव प्रदर्शनी का अवलोकन कर उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं से संबंधित पेम्प्लेट्स का विमोचन किया। मधुमक्खी पालन एवं उद्यमी शरद निगम द्वारा मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले शहद, पराग, प्रोपोलिस, मोम एवं मधुमक्खी आदि उत्पादों का प्रसंस्करण, साबुन, फोर्टिफाइड शहद, मोम, आकर्षक पैकिंग कर मधुमक्खी पालक अधिकतम लाभ प्राप्त करने के सम्बन्ध मंे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी से शहद के अलावा अन्य उत्पादों से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। मुख्य वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. रतन लाल सौलंकी द्वारा शहद का आर्युवेदिक उपयोग पथ्य एवं अपथ्य रोगप्रतिरोधकता क्षमता बढ़ाने एवं दैनिक उपयोग से संबंधित जानकारी दी। उप निदेशक सीताफल उत्कृष्ठता केन्द्र राजाराम सुखवाल ने बताया कि मधुमक्खियों का फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रतिभागियों के लिए खुला सत्र रखा गया जिसमें किसानों की शंकाओं का समाधान सहायक निदेशक उद्यान डॉ. प्रकाश चन्द्र खटीक द्वारा किया गया। समापन सत्र में संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार जागा, संयुक्त निदेशक उद्यान मुकेश वर्मा, अंशु चौधरी, हीरा लाल सालवी, प्रशान्त जाटोलिया, जोगेन्द्र सिंह राणावत, डॉ. विमल सिंह राजपूत, गोपाल लाल शर्मा, नोविना शेखावत आदि की उपस्थिति में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं उपहार वितरित किए गए। उपनिदेशक उद्यान डॉ. शंकर लाल जाट द्वारा प्रतिभागियों एवं अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया।  
 

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