घर पर ही धूमधाम से मनाई सेन जयन्ति

भीलवाड़ा हलचल। राष्ट्रीय नाई महासभा भीलवाडा के तत्वाधान में संत श्री शिरोमणि सेन जी महाराज की 721वंी जन्म जयंती कोरोनाकाल के कारण हर वर्ष की भांति नहीं मनाकर कोरोना गाईडलाईन के अनुसार घरांे में ही धूमधाम से मनाई गई।
प्रदेश उपाध्यक्ष लादूलाल सेन ने बताया कि भीलवाड़ा जिले में सन्त श्री 1008 सन्त शिरोमणी सेन जी महाराज की जयन्ति हर्षोल्लास के साथ घरांे में दीप प्रज्वलित कर आरती करके मनाई गई एवं सेन जी महाराज से इस महामारी से मानव जाति को बचाने एवं जल्द ही महामारी का अन्त हो ऐसी प्रार्थना की गई।
सदस्य भैरूलाल सेन (महेन्द्रगढ़), जसराज सेन (कुलथल), राजेश सेन , महेश सेन (सांवरिया), गोविन्द सेन, घनश्याम सेन, श्याम लाल सेन पुर (गंगवाल) ने गायों को चारा खिलाया व अपने घरांे के पास पेड पर पानी के परिण्डे बांधकर दाना पानी की नियमित सेवा देने का संकल्प लिया। इसी प्रकार रामप्रसाद सेन, सत्यनारायण सेन (बागड़ी), एस. कुमार सेन, दुर्गेश सेन, नन्दलाल सेन (माण्डल), बंशीलाल सूर्या ने अपने घरों के आस-पास पेड़-पौधों को पानी पिलाया। सदस्य कैलाश सेन (बड़लिया), प्रकाश सेन (सुरास), नितीन सेन, दिनेश सूर्या, प्रदीप सेन, मनोहर सेन, कैलाश सेन, दीपक सेन ने अपने-अपने घरों की छतों पर पक्षियों को दाना डालकर सेन जयन्ति मनाई।
सेन क्षौरकार भीलवाडा के तत्वाधान में संत श्री शिरोमणि सेन जी महाराज की 721वीं जयंती पर घरों मंे ही सैन समाज द्वारा बड़े हर्षोल्लास से मनायी गयी।
सेन क्षौरकार पूर्व सचिव गोविंद सेन ने बताया कि सेन जी महाराज के जन्मोत्सव की जयंती को कोरोना काल के कारण हर वर्ष की भांति नहीं मनाई जा सकी इसलिए क्षौरकार सदस्यों ने संस्था प्रधान लादू लाल सेन के सानिध्य में जयंति को नये प्रकार से घरांे मंे सेन जी महाराज की आरती करके मनाया गया एवं कोरोनाकाल से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की गई।
भीलवाड़ा समिति के सदस्यों घनश्याम सेन, बनवारी सेन ने गायों को चारा डाल कर गौ सेवा कर जयंती में योगदान किया। वहीं महेश सेन, नितीन सेन, दिनेश सेन, गोविन्द सेन, प्रदीप सेन, मनोहर सेन, कैलाश सेन, गोपाल सेन, जसराज सेन, दीपक सेन, पूर्व अध्यक्ष राजेश सेन, रामप्रसाद सेन, सत्यनारायण सेन, एस.कुमार सेन, भैरूलाल सेन, दिनेश सूर्या ने घर की छतों एवं घरांे के बाहर स्थित पेड़ों पर पक्षियों के परिंडे बांधकर पक्षियों के दाने पानी की व्यवस्था कर जयंती में योगदान किया।