शरद पवार का राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा
एनसीपी चीफ शरद पवार के पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे के एलान ने राज्य की सियासत में हंगामा मचा दिया है। ऐसे में कयास शुरू हो गए हैं कि शरद पवार ने अगर अपना फैसला नहीं बदला तो एनसीपी का अगला बॉस कौन होगा। इस बीच शरद पवार के भतीजे अजित पवार सहित अन्य नेताओं ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने एलान किया है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने पद से इस्तीफा देने की बात कही। पवार ने कहा कि अब मैं चाहता हूं कि एनसीपी की जिम्मेदारी कोई और संभाले। मैंने कई साल तक पार्टी की जिम्मेदारी संभाली है और अब पार्टी का नेतृत्व नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष पद से रिटायर होना चाहते हैं।
शरद पवार के इस एलान के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर पवार यह पद किसे सौंपने जा रहे हैं। दरअसल, राकांपा के अध्यक्ष पद के लिए अजित पवार भी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जाते हैं। वहीं, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को पवार का उत्तराधिकारी माना जाता है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष की जंग आने वाले समय में दिलचस्प हो सकती है।
अजीत ने कहा कि शरद पवार ने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है। ऐसे इस्तीफे का एलान सही नहीं है। पार्टी नेताओं की बैठक होगी। परिवार के सदस्य भी बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद पार्टी की मुख्य समिति इस्तीफे को लेकर फैसला करेगी। हम उम्मीद जताते हैं कि पवार अपने इस्तीफे पर राकांपा समिति के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पवार चाहते हैं कि नए नेतृत्व को मौका मिले।
अजीत ने कहा कि पार्टी का काम ऐसे ही चलता रहेगा। शरद पवार का साथ हमारे संग है। उन्होंने कहा कि पवार साहिब ने पद छोड़ा है, पार्टी नहीं। वह हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
जयंत पाटिल भावुक दिखे
वहीं, प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार ने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को नहीं बताया था। हमें उम्मीद है कि पवार अपने इस्तीफे पर फिर विचार करेंगे। साथ ही जयंत पाटिल ने कहा कि पवार के बिना जनता के पास कैसे जाएंगे। इतना कहते ही पाटिल रोने लगे।
सुनील तटकरे ने कहा कि पवार के बिना पार्टी नहीं चल पाएगी। जबकि छगन भुजबल ने शरद पवार से विनती की है कि शरद पवार अपना इस्तीफा वापस ले लें। साथ ही उन्होंने कहा कि आखिर निर्णय वही मान्य होगा, जो पवार लेंगे।
समर्थकों में दिखी निराशा
उनके समर्थकों ने निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि पवार ने उन्हें कभी निराश नहीं किया, लेकिन आज कर दिया है। लोगों ने कहा कि कमेटी यहीं पर है, आप निर्णय लें। हम सभी को धक्का लगा है। महाराष्ट्र की जरूरत को ध्यान में रखें तो 60 साल तक आपने जिम्मेदारी निभाई लेकिन आज आपने यह अप्रिय निर्णय ले लिया।
समर्थकों ने आगे कहा कि आप हमारे साथ हैं, लेकिन आपके बिना पार्टी नहीं चला पाएंगे। आप इस पर विचार करें। हमें लग रहा है कि ये पुस्तक विमोचन हुआ ही न होता तो ठीक रहता। आपने कभी किसी को नाराज नहीं किया, लेकिन आज आपने हम सभी को नाराज कर दिया।