शेखावत बोले- 2020 में हुई देश के अनुकूल एजुकेशन सिस्टम की शुरुआत, उनके मन में थे गुलामी के सूत्र

शेखावत बोले- 2020 में हुई देश के अनुकूल एजुकेशन सिस्टम की शुरुआत, उनके मन में थे गुलामी के सूत्र
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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रविवार को जालोर के भीनमाल में रॉयल राजस्थान कॉलेज की नई बिल्डिंग  का उद्घाटन किया। शेखवात ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि आने वाले 25 सालों में हम ऐसे देश का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल भारत देश के बलिदानियों के सपनों का भारत होगा, बल्कि आपके सपनों का भी भारत होगा। अपने संबोधन में शेखावत ने कहा कि भारत को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं ने बहुत बड़ा योगदान दिया है, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स ने भारत के मौजूदा सिनेरियो को बनाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई है।



नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में सालों तक किताबें जलती रहीं
शेखवात ने कहा कि इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं, जब भारत विश्वगुरु और सोने की चिड़िया कहलाता था। हमने हजारों-हजार साल पहले वेदों की रचना की। हमारे नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में दुनिया भर के बच्चे पढ़ने के लिए आते थे। कहा जाता है कि जब आक्रांताओं ने उस विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को आग लगाई , तो कई सालों तक वहां पुस्तकें जलती रहीं। वहां इतना बड़ा साहित्य एकत्रित था। 

1980 दशक की सत्ता में बैठे लोगों के मन में भी गुलामी के सूत्र समाप्त नहीं हुए 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे सारे स्कूल पेड़ों के नीचे चलते थे। फिर भी भारत उस मुकाम तक तब भी पहुंचा था, क्योंकि व्यावहारिक शिक्षा पद्धति जीवन के मूल्यों को भी साथ सिखाती थी। लेकिन अंग्रेजों के शासनकाल में लॉर्ड मैकाले ने जो शिक्षा पद्धति भारत के लिए बनाई, वह तत्कालीन अंग्रेज सरकार के लिए अनुकूल युवाओं को तैयार करने वाली थी। 

विडंबना यह रही कि अंग्रेजों के चले जाने के लगभग डेढ़ दशक बाद 1980 के दशक में जिस दूसरी शिक्षा पद्धति का भारत में सूत्रपात हुआ, दुर्भाग्य से उस समय जो लोग सत्ता पर आसीन थे, उनके मन में भी शायद गुलामी के सूत्र समाप्त नहीं हुए थे। इसलिए उन्होंने भी गुलामी की मानसिकता से कुछ आगे बढ़कर सरकार के लिए उपयोगी कौन हो सकता है, इस नज़रिए से एजुकेशन सिस्टम को डवलप किया।

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2020 में हुआ भारत के अनुकूल शिक्षा पद्धति का सूत्रपात 
शेखावत ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि साल 2020 में भारत के लिए अनुकूल शिक्षा पद्धति का सूत्रपात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ। अब एक बच्चा अपनी मातृभाषा में शिक्षा का अध्ययन कर सकता है। वह पढ़ाई के साथ-साथ में हुनर हासिल कर अपने और देश के भविष्य, दोनों का निर्माण कर सकता है।

श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में की पूजा-अर्चना
केंद्रीय मंत्री शेखावत नवनिर्मित श्री नीलकंठ महादेव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने मंदिर में जलाभिषेक कर महादेव की पूजा-अर्चना कर आरती की। यज्ञ में आहुतियां दीं और साधु-संतों का आशीर्वाद लिया।  जोधपुर दौरे के समय भी शेखावत ने हिंगलाज माताजी के दरबार में माथा टेका और दर्शन कर प्रदेश में खुशहाली की कामना की। राव मुफ्त सिंह ओबावत, प्रेम सिंह राव सहित कई लोग इस दौरान साथ मौजूद रहे।

कई स्थानों पर जोरदार स्वागत शेखावत का जोधपुर से जालोर, भीनमाल जाते समय रास्ते में कई जगह जोरदार स्वागत हुआ। दासपा में बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने साफे और फूल मालाओं से शेखावत का स्वागत किया। शेखावत ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताया। भीनमाल में रानीवाड़ा विधायक और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल सहित कई लोग केंद्रीय मंत्री शेखावत के साथ रहे।

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