आधुनिक श्रवण कुमार स्कूटर पर मां को करा रहा तीर्थ यात्रा

आधुनिक श्रवण कुमार स्कूटर पर मां को करा रहा तीर्थ यात्रा
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चित्तौड़गढ़। जहां त्रेता युग मंे श्रवण कुमार ने अपने मााता पिता को कावड़ मंे बिठाकर यात्रास कराकर एक आदर्श प्रस्तुत किया, वही आधुनिक युग में श्रवण कुमार के रूप मंे मैसूर निवासी 44 वर्षीय दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार अपनी 73 वर्षियों माता चुनारत्मा को स्कूटर भारत भ्रमण कराने के लिये निकले हुए है। आठ वर्ष पूर्व पिता के निधन के बाद माता चुनारत्मा ने अपने पुत्र को दर्शन की जिज्ञासा व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक वे मैसूर सहित कर्नाटक के मंदिरों मं भी दर्शन नहीं कर पाई है लेकिन उसकी इच्छा है कि वे देश के प्रमुख तीर्थाें पर जाकर दर्शन कर सके। मां की इसी अभिलाषा को पूर्ण करने के लिये पेशे से कम्प्युटर इंजिनियर कृष्ण कुमार श्रवण कुमार बनकर अपनी मां की मनोकामना पूरी करने में जुटे हुए है। वे अब तक अपने 25 वर्ष पुराने स्कूटर पर 73 हजार से अधिक किलोमीटर की यात्रा कराकर तीर्थ स्थलों के दर्शन करा चुके है। इसी कड़ी में कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ गुरूवार को विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दुर्ग दर्शन के लिये पहुंचे, जहां उन्होंने प्रमुख स्मारकों सहित धार्मिक स्थलों का अपनी मांग को दर्शन कराने के साथ ही यहां की स्थापत्य कला व इतिहास को जानने में रूचि दिखाई। उन्होंने बताया कि वे अब तक अपनी मां को भारत यात्रा के साथ नेपाल, भूटान, म्यानमार आदि स्थानो के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए अपनी मां को देवी देवताओं के दर्शन कराने में सफल रहे है। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पूर्व अपने पिता द्वारा उपहार मंे दिये गये स्कूटर को लेकर यात्रा करने के दौरान उन्हें ऐसी अनुभूति होती है मानों माता व पिता दोनों ही उनके साथ चल रहे हो, इतना ही नहीं मां की दर्शन की जिज्ञासा को पूर्ण करने के लिये कृष्ण कुमार ने वर्ष 2018 में ही इंजिनियर की नौकरी से त्यागपत्र देकर स्वंय के खर्चे पर मातृ सेवा संकल्प तीर्थ यात्रा कर रहे है। 
 

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