श्री कल्लाजी योग आयुर्वेद एवं प्रकृतिक चिकित्सालय से होगा समाज का सर्वांगीण विकास-मंत्री आंजना

श्री कल्लाजी योग आयुर्वेद एवं प्रकृतिक चिकित्सालय से होगा समाज का सर्वांगीण विकास-मंत्री आंजना
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चितौड़गढ़। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय में बुधवार को एक और नया अध्याय जुड़ गया है, जो मेवाड़ व समूचे राजस्थान के लिए गौरव का विषय है। विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री उदय लाल आंजना ने कहा कि यह निंबाहेडा के लिए नहीं अपितू समूचे राजस्थान के लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है कि वैदिक विश्वविद्यालय एवं वेदपीठ में भारतीय ऋषि परंपरा से अध्ययन करवाया जा रहा है, यहां के नव प्रवेशित बटुकों को देखकर लग रहा है कि गुरु द्रोणाचार्य के आश्रम में पांडवों का प्रवेश हुआ हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को देखकर यह अनुभूति हो रही है, जैसे महाभारत, रामायण एवं पौराणिक काल में हम जी रहे हैं। प्राकृतिक चिकित्सालय के लिए अपनी शुभकामनाओं के साथ मंत्री आंजना ने कहा कि आने वाले प्रत्येक रोगी पर ठाकुर श्री की कृपा बनी रहे और वे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें। मंत्री ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भूमिका ऐसे कार्यों में अग्रणी रहती है हमारी सरकार से जो भी सहयोग होगा विश्वविद्यालय के लिए हम करने को तैयार रहेंगे। संचालन एवं विषय प्रवर्तन करते हुए अधिष्ठाता डॉ स्मिता शर्मा ने कहा कि योग मुख्यतः एक जीवन पद्धति है, जिसे पतंजलि ने क्रमबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया था। इसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि आठ अंग है। योग के इन अंगों के अभ्यास से सामाजिक तथा व्यक्तिगत आचरण में सुधार आता है, उन्होंने कहा कि शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के भली-भॉति संचार होने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, इंद्रियां संयमित होती है तथा मन को शांति एवं पवित्रता मिलती है। अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष सुभाषचन्द्र शारदा रहे। विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो ताराशंकर शर्मा ने कहा कि यद्यपि योग मुख्यतः एक जीवन पद्धति है, तथापि, इसके प्रोत्साहक, निवारक और रोगनाशक अन्तःक्षेप प्रभावोत्पादक है। योग के ग्रंथो में स्वास्थ्य के सुधार, रोगों की रोकथाम तथा रोगों के उपचार के लिए कई आसानों का वर्णन किया गया है। शारीरिक आसनों का चुनाव विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए। रोगों की रोकथाम, स्वास्थ्य की उन्नति तथा चिकित्सा के उद्देश्यों की दृष्टि से उनका सही चयन कर सही विधि से अभ्यास करना चाहिए। कार्यक्रम में आंजना से कुलपति प्रो शर्मा ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को और समृद्ध बनाने के लिए भवन निर्माण एवं 11 लाख की पुस्तकें एवं 10 कंप्यूटर राज्य सरकार की ओर से दिलाने का आग्रह किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन कैलाशचंद्र मूंदड़ा ने बताया कि योगिक अभ्यास से बुद्धि तथा स्मरण शक्ति बढती है तथा इससे थकान एवं तनावों को सहन करने की शक्ति को बढाने में तथा एकीकृत मनोदेहिक व्यक्तित्व के विकास में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि ध्यान एक दूसरा व्यायाम है, जो मानसिक संवेगों मे स्थिरता लाता है तथा शरीर के मर्मस्थलों के कार्याे को असामान्य करने से रोकता है। अध्ययन से देखा गया है कि ध्यान न केवल इन्द्रियों को संयमित करता है, बल्कि तंत्रिका तंत्र को भी नियंमित करता है। अतः हमें योग की ओर लौटना होगा। उन्होंने बताया कि नवस्थापित प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद चिकित्सालय का संचालन आयुर्वेद विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक गोविन्द सहाय शर्मा के सानिध्य में किया जाएगा। इस मौके पर मंत्री आंजना ने समूचे विश्वविद्यालय का अवलोकन करते हुए कल्याण गौशाला में गायों को हरा चारा खिलाने के साथ ही वहां परिसर में स्थापित विभिन्न वाटियों का अवलोकन कर प्रशंसनीय प्रयास बताया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री आंजना ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मौली बंधन खोलकर भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना करते हुए विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि विश्व योग दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी कार्मिक एवम् पदाधिकारी, विद्यार्थी एवं बटुक तथा नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
 

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