खूब सजी भाईयों की कलाई पर बहनों की राखी
चित्तौड़गढ़। रानी कर्णावती की हुंमायूं को राखी के लिए जग विख्यात शोर्य त्याग और बलिदान की धरा चित्तौड़गढ़ में रक्षा बंधन का त्यौहार धूम धाम और पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। श्रावणी पूर्णिमा बुधवार को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सवेरे से राखी के प्रति भाई बहनों के मिलन का सिलसिला शुरू हुआ। वर्ष पर्यन्त इस दिन की प्रतिक्षा करती बहनें यदि दूरदराज या सुदूर पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के किसी भी शहर कस्बे में रहती है तो वे भी आज के दिन अपने भाई को नहीं भूलती और भाई भी यदि कोसो दूर है तो वह भी इस पवित्र दिन पर बहना के घर पंहुचने में पूरी आतुरता दिखाता है। ऐसा ही मार्मिक नजारा कई घरों में देखने को मिला जहां देश के कई क्षेत्रों से भाई बहनों का शक्ति और भक्ति की नगरी में आगमन हुआ और बहनों ने रात्रि मुहुर्त के अनुसार भाईयों की कलाई पर रंग बिंरगी राखी सजाकर मुंह मीठा कराकर उसके दीर्घायु होने की कामना करते हुए जीवन पर्यन्त रक्षा का वचन लिया। भाईयों ने भी इस मौके पर बहना को बदले में मनमाने उपहार देकर रक्षा का संकल्प लिया। दिनभर लगी वर्षा की झडी के बावजूद राखी पर्व को लेकर जहां नन्हें बच्चों में आधुनिकतम डिजाईन की राखियों को लेकर उत्साह देखने को मिला तो अधेड और बुजुर्ग भाई बहनों ने भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ रक्षा सूत्र के महत्व को समझते हुए बुजुर्ग महिलाओं ने भी अपने भाईयों की कलाई पर रेशम की डोरी बांधकर स्वंय को गौरवान्वित किया।
कैदियांे को भी मिला बहनों का प्यार
कारागृह में सजा भुगत रहे कैदियों को भले ही यह उम्मीद ना हो कि उनकी कलाई पर भी राखी बंधेगी लेकिन हर बहन के लिए कैसा भी हो, भाई तो भाई होता है। भाई बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन पर्व पर कारागृह में रहने वाले कैदियांे को जब उनकी बहनों ने आकर रक्षा सूत्र बांधा तो बरबस ही भाई बहनों के नेत्र से आंसू छलक पडे़ और कैदियों को एकाकी जीवन में भी बहनों के असीम प्यार की मार्मिक अनुभूति हुई। इतना ही नहीं बहनों ने भी रक्षा सूत्र बांधते हुए वचन लिया कि यहां से मुक्त होने पर वे अपराध भावना को त्याग कर अच्छे इंसान के रूप में शेष जीवन बिताएंगे।
रेलो और बसों में उमडी भीड
रक्षाबंधन पर्व पर दूरदराज के भाई और बहन अपने अपने गांव जाकर राखी का त्यौहार मनाने के लिए आतूर रहते है। जिसके मद्देनजर राज्य सरकार रोडवेज बसो में महिलाओं को निःशुल्क यात्रा की सौगात देने के फलस्वरूप जहां रोडवेज में केवल महिलाएं ही अपेक्षा से अधिक संख्या में सफर करती नजर आई वहीं निजी बसो और रेलो में भी भारी भीड उमडी। यह सिलसिला पिछले दो दिनो से जारी रहा।