सीता स्वयंवर एक कृष्ण की माखन चोरी से जीवन्त हुई भगवान की लिलायें

भीलवाड़ा हलचल।
स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं जिला प्रशासन/शिक्षा विभाग भीलवाड़ा के सहयोग से चल रहे विरासत-23 के तहत आसाम की विश्व प्रसिद्ध सत्रीय नृत्यांगना अन्वेषा महंता की अन्तिम दो प्रस्तुतियां आज दिनांक 26.04.2023 को प्रातः 8 बजे स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल कोटड़ी एवं शाहपुरा मंे प्रातः 11 बजे द्वितीय प्रस्तुत हुई।
जानकारी देते हुये राज्य सचिव कृतिका सोमानी ने बताया कि अन्वेषा ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत 15वीं शताब्दी में गुरू शंकर देव द्वारा रचित गुरूवन्दन से प्रारंभ करते हुये सत्रीय नृत्य के इतिहास एवं परम्परा परिधान के बारे में बताया, उसके बाद कृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चोरी को (राग श्याम) में नाच कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दशावतार नामक सुन्दर नृत्य करते हुये सभी अवतारों को जीवन्त कर दिया।
छात्र-छात्राओं को हस्त मुद्राओं से अग्नि, जल, समुद्र, बारिश, तुफान आदि को बनाना सीखाया और अंत में भारत की महिमा का गुणगान करते हुये ’’धन्य-धन्य भारत वर्ष’’ से भारत की महिमा का बखान किया और साथ ही सीता स्वयंवर में ’’धनुष भंग’’ की लीला को जीवंत कर दिया। दोनों विद्यालयों के संस्था प्रधान महावीर भट्ट एवं राजेश धाकड़ ने कलाकारों का सम्मान एवं आभार प्रकट किया।