मुंह से बदबू आना या फिर इस तरह के लक्षण हो सकते हैं कैंसर का संकेत, जानिए कैसे करें बचाव?

कैंसर, वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर और जानलेवा बीमारियों में से एक है। हर साल अलग-अलग प्रकार के कैंसर के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। मुंह का कैंसर भी ऐसा ही एक तेजी से बढ़ता खतरा है। भारत में हर साल मुंह के कैंसर के लगभग 77,000 नए मामले सामने आते हैं और इस कैंसर के कारण 52,000 लोगों की मौत हो जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते लोगों में इस गंभीर बीमारी के लक्षणों का पता चल जाए और इसका इलाज शुरू कर दिया जाए तो जान बचने की संभावना बढ़ सकती है। मुंह के कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में सभी लोगों को जानते हुए उनसे बचाव के निरंतर उपाय करते रहने चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मुंह का कैंसर मौखिक गुहा के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। होंठ, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, मुंह के ऊपरी हिस्से आदि यह कहीं भी हो सकता है जिसके बारे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
तंबाकू चबाने वाले लोगों में इस गंभीर कैंसर के होने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक देखा गया है। आइए जानते हैं कि इसमें किस तरह के लक्षण हो सकते हैं, साथ ही इससे बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना बहुत आवश्यक हो जाता है?
2
मुंह के कैंसर के लक्षण
मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है। यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेना चाहिए, यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
- होंठ या मुंह का घाव जो ठीक न हो रहा हो।
- मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग के पैच नजर आना।
- दांतों में कमजोरी।
- मुंह के अंदर गांठ जैसा अनुभव होना, इसमें होने वाला दर्द।
- निगलने में कठिनाई या दर्द।
- मुंह से अक्सर बदबू आते रहने की समस्या।
3
मुंह का कैंसर क्यों होता है?
मुंह का कैंसर आपके ओरल कैविटी में स्क्वैमस सेल्स में शुरू होता है। सामान्य स्क्वैमस कोशिकाएं तब कैंसरग्रस्त हो जाती हैं जब उनका डीएनए बदल जाता है। हालांकि इस तरह का बदलाव क्यों होता है इस बारे में स्पष्ट नहीं है। डॉक्टरों ने कई ऐसे कारकों की पहचान की है जो मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, इस बारे में सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
कुछ अध्ययन इस बात पर भी जोर देते हैं कि जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें भी इस प्रकार के कैंसर के विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
4
ओरल कैंसर के जोखिम कारकों के बारे में जानिए
डॉक्टर्स बताते हैं कि कुछ स्थितियां आपमें ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू सहित अन्य तंबाकू उत्पादों या अल्कोहल का सेवन करने वालों में मुंह के कैंसर का खतरा अधिक होता है। कुछ स्थितियों में पाया गया है कि आपके होठों का अत्यधिक सूर्य का संपर्क में रहना, यौन संचारित ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण भी मुंह में कैंसर विकसित हो सकता है। यदि आपके परिवार में पहले किसी को इस प्रकार का कैंसर रह चुका है तो आपमें भी इसके विकसित होने का जोखिम हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तंबाकू चबाने वाले सभी लोगों में मुंह का कैंसर विकसित होना आवश्यक नहीं है, हालांकि यह आदत आपके जोखिम को जरूर बढ़ा देती है।
5
ओरल कैंसर का इलाज और बचाव
मुंह के कैंसर का उपचार, कैंसर के स्थान और अवस्था के साथ-साथ आपके समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उपचार के विकल्पों में सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी को प्रयोग में लाया जा सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, तंबाकू और अल्कोहल से परहेज करके इस प्रकार के कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा तेज धूप में अधिक समय तक रहने से बचें। यदि आपको मुंह के भीतर कुछ असामान्य सा घाव नजर आ रहा हो जो ठीक नहीं हो रहा तो इस बारे में समय रहते किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
स्रोत और संदर्भ
अस्वीकरण: हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
