बर्फ जमा बचाई 35 कैंसर मरीजों की जान, देश में 2018 में यहीं शुरू हुई थी ये तकनीक

पीजीआई चंडीगढ़ के रेडियो डायग्नोसिस विभाग के विशेषज्ञों ने क्रायोथेरेपी से अब तक कैंसर के 35 मरीजों का सफल इलाज किया है। पीजीआई ने 2018 में देश में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग शुरू किया था। इससे लीवर, लंग्स, बोन और किडनी से संबंधित कैंसर के उन मरीजों को काफी राहत मिल रही है जो सर्जरी के लिए फिट नहीं हैं। इस तकनीक का प्रयोग कर विशेषज्ञ बर्फ जमाकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सफलता हासिल कर रहे हैं। इस सफलता को विश्व स्तर पर सम्मान प्रदान किया गया है।
विभाग के प्रो. नवीन कालरा ने बताया कि क्रायोथेरेपी को कोल्डथेरेपी भी कहा जाता है। यह एक तरह का उपचार है जिसमें असामान्य ऊतक को जमने और नष्ट करने के लिए शरीर कुछ मिनट के लिए अधिक ठंडे तापमान पर रखा जाता है। इसके लिए तरल नाइट्रोजन या आर्गन गैस जैसे पदार्थ का उपयोग करते हैं। इस तकनीक में मरीज की कैंसर प्रभावित कोशिका को सुई की मदद से फ्रीज किया जाता है।
इसमें चरणबद्ध तरीके से उस संक्रमित कोशिका में बर्फ को 40 मिनट तक क्रमश: 10 मिनट फ्रीज और 10 मिनट मेल्ट करते हैं। ऐसा बार-बार किए जाने पर कोशिका के अंदर क्रिस्टल बन जाता है जिससे कोशिका नष्ट हो जाती है। इसके साथ ही तीव्र ठंड के कारण उस कोशिका के आसपास की अन्य कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिससे खून की आपूर्ति कम हो जाती है। इस तरह से कैंसर प्रभावित कोशिका को बिना सर्जरी के निष्क्रिय का दिया जाता है।
क्रायोथेरेपी यहां भी कारगर
- खिलाड़ियों को यह शीघ्र राहत देने वाला है।
- माइग्रेन के लक्षण को कम करने में फायदेमंद।
- किसी तरह के दर्द को जल्दी रिकवर करने में उपयोगी।
- फैट को दूर करने के लिए व मोटापा कम करने में मददगार होता है।
- त्वचा से जुडी समस्या को ठीक करने में प्रभावी।
- रक्त संचार को सही करता है साथ ही टिश्यू तक ऑक्सीजन व पोषक पहुंचाने की क्रिया में सुधार करता है।
- मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा दिलाने में क्रायोथेरेपी सहायक माना जाता है
