हाइपोग्लाइसीमिया के बारे में जानने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें

हाइपोग्लाइसीमिया के बारे में जानने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें
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 डायबिटीज  3 तरह से होता है, जिसमें पहला है टाइप-1 डायबिटीज ये जेनेटिक कारणों से होता है. दूसरा है टाइप 2 डायबिटीज जो खराब लाइफस्टाइल और ज्यादा नमक खाने से होता है. तीसरा डायबिटीज कुपोषण से भी हो सकता है.  डायबिटीज होने पर चीनी की मात्रा बहुत कम लेनी चाहिए और खाने से फैट और नमक भी कम कर देना चाहिए. कई बार डायबिटीज में ब्लड शुगर बहुत कम या ज्यादा हो जाता है, जिससे परेशानी बढ़ जाती है. अगर ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है ऐसी स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया कंडीशन कहते हैं. ये बहुत खराब स्थिति होती है, जानिए हाइपोग्लाइसेमिया कंडीशन के लक्षण.

ग्लूकोज लेवल बढ़ने के लक्षण
जब शरीर में ब्लड शुगर का मात्रा बढ़ जाती है तो इसे हाइपरग्लाइसेमिया कहते हैं. इसमें डायबिटीज के मरीज को ये लक्षण महसूस होते हैं. 

  • बहुत प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • थकान और कमजोरी रहना
  • वजन कम होना 
  • धुंधला दिखाई देना 

ग्लूकोज लेवल कम होने के लक्षण
डायबिटिक मरीज के मरीज का ब्लड शुगर लेवल अगर नॉर्मल से ज्यादा कम हो जाए, तो इस स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया कहते हैं. इसमें ये लक्षण महसूस होते हैं. 

  • बहुत पसीना आना
  • थकान और आलस 
  • भूख महसूस होना 
  • शरीर का तेजी से कांपना 
  • हार्ट बीट बढ़ना
  • मूड स्विंग होना
  • शरीर पीला पड़ना
  • होठों में झनझनाहट 

हाइपोग्लाइसेमिया क्यों है खतरनाक? 
हाइपोग्लाइसेमिया की स्थिति काफी खतरनाक है. अगर इसका इलाज न किया जाए तो ये मौत का कारण भी बन सकती है. हालांकि इसका इलाज बहुत आसान है. आपको जब भी ऐसा लगे तो सबसे पहले कुछ मीठा खा लें. आप कोल्ड ड्रिंक या फ्रूट जूस भी पी सकते हैं. आपको ऐसी डाइट लेनी चाहिए, जिससे धीरे कार्बोहाइड्रेट रिलीज हो. आपको अपने खान-पान का समय ध्यान रखना चाहिए. गलत समय और गलत चीज खाने से तुरंत ब्लड शुगर पर असर पड़ता है. इससे ब्लड शुगर बढ़ या कम हो सकता है. ऐसे मरीजों को हमेशा हाथ में स्मार्ट मॉनीटर पहन कर रखना चाहिए. इसमें सेंसर होता है जो ब्लड शुगर लेवल को बताता रहता है. 

 इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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