यादों की पटरी पर दौड़ते भाप के इंजन, देखे तस्वीरें
1971 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्मे किशोर प्रतिम विश्वास पिछले 15 सालों से कला के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वे पेटिंग की अलग-अलग विधाओं जैसे वॉटर कलर, ऑइल, एक्रेलिक में भी काम कर रहे हैं. अपनी इस पेंटिंग के बारे में किशोर बताते हैं, "मैं 5-6 साल का था तब जहां रहता था, उसके पास से भाप इंजन गुजरता था. मैं हर बार उसे देखता और स्केच बनाया करता था."
के दशक में भाप इंजन के वर्कशॉप में हर दिन होने वाली गतिविधियों को किशोर प्रतिम विश्वास अपनी पेंटिंग के ज़रिए दिखा रहे हैं. किशोर इस पेंटिंग को लेकर कहते हैं, "मैं उस बीते हुए वक्त को आने वाली पीढ़ी के सामने पेंटिंग के ज़रिए पेश करना चाहता हूं. इस प्रदर्शनी में भाप इंजन की ताकत और खूबसूरती को एक साथ दिखाने की कोशिश है."
अब तक एक दर्जन से ज्यादा प्रदर्शनियों में किशोर की पेंटिंग्स लग चुकी हैं. न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी उन्होंने प्रदर्शनी लगाई है. उनके काम को काफी सराहा भी जाता है. वे बताते हैं, "1992 की बात है. मैं पश्चिम बंगाल के बंदेल लोकोमोटिव वर्कशॉप में भाप इंजन का स्केच बनाने गया था. लेकिन मुझे पता चला कि भाप इंजनों को प्रयोग से बाहर करके म्यूजियम में रख दिया गया है. इसके बाद मैंने कभी इसका लाइव स्केच नहीं बनाया", किशोर विश्वास बताते हैं.