अब तक पोस्ट कोविड में देखे गए ऐसे अप्रत्याशित लक्षण, पैरों में होने वाली ये समस्या है सबसे नई

कोरोना संक्रमण का जोखिम दुनियाभर में पिछले तीन साल से अधिक समय से बना हुआ है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले दिनों यूके सहित कई अन्य देशों में नए रहने की सलाह देते हैं। कोरोना के नए वैरिएंट्स के खतरों के बीच लॉन्ग कोविड भी बड़ा खतरा बना हुआ है।
लॉन्ग कोविड जिसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है, यह संक्रमण से ठीक होने के बाद लंबे समय तक बने रहने वाली स्वास्थ्य समस्या है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कई लोगों में एक साल बाद तक भी लॉन्ग कोविड की समस्या बनी हुई देखी गई है। पोस्ट कोविड की समस्याओं को आमतौर पर हृदय, फेफड़ों, सांस की समस्या, स्वाद-गंध न आने जैसे लक्षणों के रूप में देखा जाता रहा है, पर इसके कई अप्रत्याशित लक्षण भी देखे गए हैं।
कोविड विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है, इसके दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम गंभीर हो सकते हैं। आइए लॉन्ग कोविड के ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं।

लॉन्ग कोविड के कारण होने वाली समस्याएं
हाल में किए गए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि लॉन्ग कोविड की स्थिति संपूर्ण शरीर के लिए दुष्प्रभावों वाली हो सकती है। कोरोना को श्वसन संक्रमण माना जाता रहा है, वैज्ञानिकों ने पाया कि संक्रमण में फेफड़ों के ठीक होने के बाद भी हृदय, लिवर और किडनी जैसे अंग कोविड से प्रभावित हो सकते हैं। लॉन्ग कोविड के कारण गंध या स्वाद की समस्या, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या ब्रेन फॉग का भी जोखिम हफ्तों से लेकर एक साल तक बना रह सकता है।

गंभीर बीमारी वाले लोगों में खतरा अधिक
रिपोर्ट से पता चलता है कि लॉन्ग कोविड आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करता है जो गंभीर कोविड के लक्षणों से पीड़ित रहे हैं। इसके अलावा अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या वाले लोग, बिना टीकाकरण वाले और जिन्हें मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (किडनी और मस्तिष्क जैसे अंगों में सूजन) की समस्या रही है उनमें पोस्ट कोविड सिंड्रोम की समस्या का खतरा अधिक हो सकता है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लॉन्ग कोविड का खतरा उन लोगों में भी हो सकता है, जो हल्के लक्षणों के शिकार रहे हैं।

पैरों का नीला पड़ना नई समस्या
लॉन्ग कोविड के हालिया जोखिमों को लेकर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि इसमें कुछ लोगों के पैर नीले हो सकते हैं। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि लॉन्ग कोविड के कारण एक्रोसायनोसिस की समस्या देखी जा रही है, जिसमें खड़े होने पर रोगी के पैरों का रंग नीला पड़ जाता है।
लीड्स विश्वविद्यालय के डॉ. मनोज सिवन द्वारा लिखित इस रिसर्च पेपर में बताया गया कि 33 वर्षीय व्यक्ति में पोस्ट कोविड सिंड्रोम के कारण एक्रोसायनोसिस विकसित हुआ।

कोविड के बाद विकसित हुए ये लक्षण
अध्ययन रिपोर्ट की जानकारियों के अनुसार खड़े होने के एक मिनट बाद रोगी के पैर लाल होने लगे और समय के साथ नीले पड़ गए। 10 मिनट के बाद पैरों में ये रंग बहुत अधिक स्पष्ट हो गया। हालांकि उसके बैठने के बाद पैर दोबारा से पुरानी स्थिति में आ गए। मरीज ने बताया कि उसके ये लक्षण कोविड-19 संक्रमण के बाद ही देखे गए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को कोविड और इसके लॉन्ग कोविड के खतरों को लेकर अलर्ट किया गया है।
