सुप्रीम कोर्ट ने जताया संदेह, कहा- पंजाब के लोगों का ड्रग्स का लती होना गंभीर खतरा

सुप्रीम कोर्ट ने जताया संदेह, कहा- पंजाब के लोगों का ड्रग्स का लती होना गंभीर खतरा
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब नशीले पदार्थों के खतरे की चपेट में है। कई ऐसे ड्रग माफिया की जड़ें राज्य में हैं जो सीमा पार से नशीली दवाओं और मादक पदार्थों की संगठित तस्करी में लिप्त हैं। पीठ ने कहा, कुछ स्थानीय दवा उद्योग, राज्य पुलिस अधिकारी और कुछ धनी लोगों पर अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का संदेह है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने पंजाब में ड्रग्स की लत पर बेहद अफसोस जताते हुए कहा है कि एक समय में पंजाब जीवंत हुआ करता था, लेकिन आज उस राज्य में लोग ड्रग्स के लती हो गए हैं, जो गंभीर खतरे की बात है। पीठ ने एनडीपीएस मामले के आरोपी परविंदर सिंह की अग्रिम जमानत याचिका का निपटारा करते हुए ये टिप्पणियां कीं।

एनडीपीएस जैसे कानूनों में अग्रिम जमानत में उदारता ठीक नहीं
पीठ ने कहा, एनडीपीएस अधिनियम जैसे विशेष कानूनों के मामले में अग्रिम जमानत देने के मापदंड में उदारता नहीं बरतनी चाहिए। पिछले दिनों दिए इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया। हालांकि, अदालत ने आरोपी को पूर्व में मिले अंतरिम संरक्षण को तीन सप्ताह तक जारी रहने का आदेश दिया था, जिससे कि वह विशेष अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सके। पीठ ने नोट किया कि आरोपी परविंदर के खिलाफ एनडीपीएस का एक और मामला दर्ज है।

जमानत देते वक्त अत्यधिक सतर्कता बरतें अदालतें
पीठ ने कहा, अदालतों को जमानत देते समय अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए, विशेष रूप से बार-बार अपराध करने वाले के मामले में। पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता पर लगे आरोपों से प्रतीत होता है कि वह ड्रग तस्कर है और इसकी पूरी आशंका है कि एक बार जमानत मिलने पर वह उसी अवैध व्यापार में लौट आए। ऐसी स्थिति में वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है।

हाईकोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद गया सुप्रीम कोर्ट
अक्तूबर, 2022 में परविंदर समेत तीन लोगों के कब्जे से 20 ग्राम हेरोइन मिली थी। परविंदर मौके से फरार हो गया था, जबकि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में परविंदर ने विशेष अदालत के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जो खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उसने हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां उसे अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया गाया था।

मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को जानकारी दी गई अंतरिम राहत की अवधि के दौरान उसके खिलाफ एनडीपीएस का एक अन्य मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

 

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